नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण की बिगड़ती स्थिति के बीच सरकार ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि वह मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई संबंधी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रही है। देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार 3 लाख से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं, जिसके कारण अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है। ऑक्सीजन और बेड की कमी की शिकायतें कई राज्यों से सामने आ रही हैं।
इस बीच अमेरिका, कनाडा, फ्रांस समेत कई देशों ने भारत को मदद की पेशकश की है। बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच सरकार ने सोमवार को यह भी कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए। देश में मंगलवार को 3.23 लाख नए केस आए और 2,771 लोगों की मौतें हुईं। अब तक देश में 14.52 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मेडिकल सुविधाओं की स्थिति पर मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से भी ऑक्सीजन, बेड्स और अन्य मेडिकल सुविधाओं के बारे में जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 30 अप्रैल को तय की है।
1 मई से होने वाली वैक्सीनेशन के इंतजाम की जानकारी दें- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि 1 मई से होने वाले वैक्सिनेशन अभियान के इंतजाम की जानकारी दी जाए। यह देखा जाए कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों वैक्सीन की कमी न हो। केंद्र और राज्य विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल बनाएं जो नागरिकों को सलाह दे सकें। वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता और मीनाक्षी अरोड़ा मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किए जा रहे हैं।
कोरोना मामलों के लेकर हाई कोर्ट की सुनवाई पर नहीं लगेगी रोक- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा, “राष्ट्रीय आपदा के समय, कोर्ट मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकते। कोर्ट ने साफ कर दिया कि वो कोरोना को लेकर अलग-अलग हाई कोर्ट की सुनवाई पर रोक नहीं लगाना चाहती है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कैसे सामंजस्य स्थापित किया जा सके, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट अपनी सुनवाई कर रही है।
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