नई दिल्ली: प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी बदलाव करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कानून के हर प्रावधान को सही माना है. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ईडी को अपने काम में और बल मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ईडी की तरफ से दर्ज केस में फंसे लोगों को बड़ा झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी, रेड, समन, बयान समेत PMLA एक्ट में ED को दिए गए सभी अधिकारों को सही ठहराया है. ECIR (ED की तरफ से दर्ज केस) की कॉपी आरोपी को देना ज़रूरी नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी की आय, तलाशी और जब्ती, गिरफ्तारी की शक्ति, संपत्तियों की कुर्की और जमानत की दोहरी शर्तों के PMLA के कड़े प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. कानून में फाइनेंस बिल के ज़रिए किए गए बदलाव का मसला 7 जजों की बेंच को भेजा है.
आपको बता दें कि लगभग 250 याचिकाओं में इस कानून को चुनौती दी गई थी और कहा गया था की इस कानून के तहत ईडी जिस तरह से गिरफ्तारी करती है, दबिश डालती है या सबूत इकठ्ठे करती है वो इंडियन पीनल कोड के खिलाफ है यानी नियमों के खिलाफ है. ये कानून पुलिस को हद से ज्यादा ताकत देती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि इस कानून में कोई भी खामी नहीं है. इस कानून का इस्तेमाल ईडी द्वारा ब्लैक मनी के खिलाफ कार्रवाई में किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खास बातें
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