नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात विश्वविद्यालय (Gujarat University) मानहानि मामले (Defamation Case) में चल रहा मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया है. ऐसे में दिल्ली के पूर्व सीएम को निचली अदालत में पेश होकर मुकदमे का सामना करना होगा.
पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर आप नेता संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विश्वविद्यालय के बारे में विवादित टिप्पणी की थी. यूनिवर्सिटी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमा रद्द करने की संजय सिंह की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने इस साल आठ अप्रैल को खारिज की थी. अब अरविंद केजरीवाल की याचिका पर भी यही आदेश दिया है.
गुजरात हाई कोर्ट ने इससे पहले अरविंद केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत से जारी समन रद्द करने से मना किया था. सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने दलील दी कि मुकदमा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने दाखिल कराया है. रजिस्ट्रार को उनके बयान से सीधे पीड़ित नहीं माना जा सकता. हालांकि, जस्टिस ऋषिकेश राय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह दलील स्वीकार नहीं की.
सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने खेद जता कर मुकदमा खत्म करने की पेशकश की पर गुजरात विश्विद्यालय के लिए पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि किसी पर भी अनर्गल आरोप लगाने के बाद कोर्ट में माफी मांग लेना केजरीवाल की पुरानी आदत है. इस तरह वह खुद को बचाते चले आ रहे हैं. इस बार इसकी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
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