नई दिल्ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शनिवार (25 फरवरी) को प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा (Enforcement Directorate Director Sanjay Kumar Mishra) के कार्यकाल विस्तार (tenure extension ) को चुनौती (Pleas challenging) देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार (centre govt) ने अदालत में कहा कि संजय कुमार मिश्रा को दिए गए कार्यकाल में तीसरे विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं का असली मकसद कांग्रेस पार्टी (congress party) के कुछ नेताओं के खिलाफ की जा रही जांच पर सवाल उठाना और उसे खत्म करना है।
केंद्र सरकार ने कहा कि व्यक्तिगत मंशा और निजी मकसद के आधार पर याचिकाएं दायर की गई हैं। जस्टिस बी.आर. गवई ने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा, सामाजिक कार्यकर्ता और मध्य प्रदेश कांग्रेस महिला समिति की महासचिव जया ठाकुर की याचिकाओं पर भारत संघ और केंद्रीय सतर्कता आयोग को नोटिस जारी किया था।
कब तक ED डायरेक्टर रहेंगे संजय कुमार मिश्रा?
याचिकाओं में पिछले साल नवंबर में एक अध्यादेश की घोषणा के माध्यम से केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में किए गए संशोधनों की वैधता पर सवाल उठाया गया है. ये अध्यादेश (जो ईडी निदेशक के लिए पांच साल तक के विस्तार की अनुमति देता है) सरकार के लिए संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को नवंबर 2022 तक एक साल तक बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
ED निदेशक को मिला तीसरा कार्यकाल
दरअसल, सरकार ने 1984-बैच के भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी को फिर से नवंबर 2022 में तीसरा विस्तार दिया है। उनके 18 नवंबर 2023 तक बने रहने की उम्मीद है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि सरकार ईडी निदेशक को सेवा में धीरे-धीरे एक साल का विस्तार दे रही है जो संस्थागत स्वतंत्रता को प्रभावित करती है।
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