नई दिल्ली (New Delhi)। मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के खुब्बापुर में नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र के थप्पड़ प्रकरण (Student Slap Case) की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सुनवाई होगी। बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) की ओर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे। वह कोर्ट के आदेशों की अनुपालन आख्या पेश करेंगे। उधर, बच्चे की काउंसिलिंग को आई मुम्बई की टाटा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस की टीम (Mumbai’s Tata Institute Social Science team) की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। बीएसए ने सभी रिपोर्ट तैयार करा ली है।
सुप्रीम कोर्ट में 11 दिसंबर को खुब्बापुर में नेहा पब्लिक में छात्र की पिटाई सहपाठी छात्रों से कराने के प्रकरण की सुनवाई होनी है। इससे पूर्व आयोजित सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे का दाखिला और काउंसिलिग होने पर सख्त नाराजगी जताते हुए बच्चे का एडमिशन उसकी इच्छानुसार मुजफ्फरनगर के शारदेन पब्लिक स्कूल में कराने व बच्चे की काउंसिलिंग मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञों से कराने के आदेश दिए। इसका असर यह हुआ कि स्थानीय स्तर से लेकर शासन स्तर के अधिकारी सक्रिय हो गए।
लखनऊ से संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा राजेंद्र सिंह और परियोजना विशेषज्ञ गुरविंद्र सिंह स्वयं मुजफ्फरनगर आए और बच्चे का दाखिला शारदेन पब्लिक स्कूल में कक्षा दो में कराया। बच्चों को स्कूल ड्रेस एवं कोर्स आदि भी खरीदवाकर दिए। बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का खर्च विभाग के अफसरों ने ही वहन करने का भी वादा किया है। मुंबई से बच्चे की काउंसिलिंग के लिए चार सदस्यीय टीम तीन दिवसीय दौरे पर आई थी।
टीम बच्चे की काउंसिलिंग से लेकर अधिकारियों से बात एवं स्कूलों का निरीक्षण भी करके गई है। इन सबकों को लेकर विभाग ने अनुपालन आख्या तैयार की है। बीएसए शुभम शुक्ला ने बताया कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अनुपालन आख्या के रूप में हलफनामा दायर करेंगे। उधर मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस की काउंसिलिंग रिपोर्ट भी पेश की जायेगी।
स्कूल आने जाने का खर्च नगद दे रहे बीएसए : इरशाद
बच्चे के पिता इरशाद का कहना है कि बच्चे के स्कूल आने जाने का खर्च फिलहाल बीएसए द्वारा नगद दिया जा रहा है। उन्होंने आठ दिन के खर्च के रूप में 1600 रुपये दिए थे। बच्चा अभी इसी खर्च से स्कूल जा रहा है। इरशाद का कहना है कि वह तारीख पर नहीं जा रहे हैं। अधिवक्ता बच्चे के स्कूल आने जाने के खर्च को लेकर पक्ष रखेंगे।
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