नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits ) के नरसंहार (Massacre) को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। जस्टिस बीआर गवई और सीटी रविकुमार की पीठ यह सुनवाई करेगी। वी द सिटीजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कश्मीर में 1990 से 2003 तक कश्मीरी पंडितों और सिखों के नरसंहार और अत्याचार की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की है। कश्मीर में हुए हिंदुओं के उत्पीड़न और विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें विस्थापितों के पुनर्वास की मांग भी की गई है।
याचिका में 1989 से 2003 के बीच कश्मीर विस्थापन से जुड़े लोगों के संस्मरणों पर आधारित कई किताबों का हवाला दिया गया है। याचिका में जगमोहन की लिखी किताब माई फ्रोजन टरबुलेंस इन कश्मीर और राहुल पंडिता की किताब अवर मून हैज ब्लड क्लॉट्स का भी जिक्र है।
गौरतलब है कि अक्तूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रूट्स इन कश्मीर नाम की संस्था की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की हत्या की 215 घटनाओं की जांच की मांग की थी।
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और डीवाई चंद्रचूड़ ने पुनर्विचार याचिका पर चैंबर में सुनवाई के बाद उसको खारिज कर दिया था। संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के 24 जुलाई 2017 के कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि 27 साल पहले हुई इस घटना के जांच के आदेश नहीं दे सकते।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved