नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मोदी सरनेम मानहानि मामले (Modi surname defamation case) में दो साल की सजा हुई थी, किन्तु अब राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज जस्टिस एच एच वर्मा (Judge Justice H H Verma) के प्रमोशन में तलवार लटक गई है।
दरअसल, जस्टिस एच एच वर्मा के साथ-साथ गुजरात के अन्य 67 जजों को 65 प्रतिशत कोटा सिस्टम के आधार पर प्रमोशन दिया गया था। सभी 68 जजों के प्रमोशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के 68 ज्यूडिशियल अफसरों के जिला जज कैडर में प्रमोशन को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है। उच्चतम न्यायालय ने फैसला रिजर्व रख लिया है। गुजरात सरकार के ही दो न्यायिक अफसरों ने 65% प्रमोशन कोटा के तहत हुए 68 जजों के प्रमोशन को चुनौती दी थी। प्रमोशन पाने वाले जजों में सूरत के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आपराधिक मानहानि से जुड़े मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। इसी फैसले के बाद राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी।
100.50 अंक वाले कैंडिडेट का भी सेलेक्शन
गुजरात हाईकोर्ट ने 10 मार्च 2023 को 65 प्रतिशत कोटा के तहत प्रमोशन के योग्य पाए गए 68 जजों की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट पर नजर डालें 100 से थोड़ा ज्यादा अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों का भी सेलेक्शन हुआ है। लिस्ट में 100.50, 100.83, 102, 102.50 अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी भी हैं, जिन्हें प्रमोशन मिला है।
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