• img-fluid

    मणिपुर हिंसा की CBI जांच की निगरानी के लिए SC ने पूर्व अधिकारी किया नियुक्त, 3 जजों की कमेटी भी बनाई

  • August 07, 2023

    नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा के मामले को लेकर सोमवार (7 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राहत और पुनर्वास के काम की देखरेख के लिए पूर्व जजों की कमेटी बनाई है. साथ ही सीबीआई (CBI) जांच की निगरानी के लिए एक पूर्व अधिकारी को नियुक्त किया है.

    सीजेआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश दिया कि सीबीआई जांच की निगरानी मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर दत्तात्रेय पटसालगिकर करेंगे. सीजेआई ने कहा कि राहत-पुनर्वास पर सुझाव के लिए हाई कोर्ट के 3 पूर्व जजों की कमेटी बनाएं. जिसमें गीता मित्तल, शालिनी जोशी और आशा मेनन शामिल होंगी. इसकी अध्यक्षता हाई कोर्ट की पूर्व जज गीता मित्तल करेंगी.

    मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
    इससे पहले सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल वेंकटरमनी ने बताया कि 6500 एफआईआर का वर्गीकरण कर कोर्ट को उपलब्ध करवा दिया गया है. हमें बहुत परिपक्वता से मामले को देखने की जरूरत है. हमने कई तरह के एसआईटी के गठन का सुझाव दिया है.

    उन्होंने कहा कि हत्या के मामलों की जांच वाली एसआईटी का नेतृत्व एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामलों की जांच के लिए वरिष्ठ महिला अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी बनेगी. इसी तरह और भी एसआईटी हैं. डीआईजी उनसे रिपोर्ट लेंगे. हर 15 दिन पर डीजीपी भी समीक्षा करेंगे.

    अटॉर्नी ने कहा कि हिंसा से ज्यादा प्रभावित हर जिले में 6 एसआईटी बनेंगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले जो 11 केस सीबीआई को सौंपे गए थे, उनकी जांच सीबीआई ही करेगी. महिलाओं से जुड़े मामलों की जांच में सीबीआई की महिला अधिकारी भी शामिल रहेंगी.

    कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाने की मांग
    सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी बने. महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक उच्चस्तरीय आयोग भी बने जो पीड़ित महिलाओं से बात करे. लोग शव नहीं ले जा पा रहे हैं.


    “सुनवाई से पहले कुछ घटना हो जाती है”
    इसपर अटॉर्नी ने कहा कि उनको निहित स्वार्थी तत्वों की तरफ से रोका जा रहा है, ताकि सरकार को विफल बताया जा सके. स्थितियां जानबूझकर जटिल बनाए रखने की कोशिश है. वहीं सॉलिसीटर ने कहा कि दो दिन पहले भी एक वारदात हुई है. हर बार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले कुछ घटना हो जाती है.

    सॉलिसीटर ने कहा कि कह नहीं सकते कि क्या यह वाकई संयोग है. मेरा अनुरोध है कि राज्य सरकार पर भरोसा करें. साथ ही, अगर आप कोई हाई पावर कमिटी बना रहे हैं तो उसमें पूर्व जजों को रखें, सामाजिक कार्यकर्ताओं को नहीं.

    सीजेआई ने क्या कहा?
    इसपर सीजेआई ने कहा कि हमारी कोशिश है कि लोगों में विश्वास बढ़े. हम विचार कर रहे हैं कि 3 पूर्व हाई कोर्ट जजों की कमेटी बनाएं जो राहत और पुनर्वास का काम देखेगी. पूर्व जजों की कमेटी की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की पूर्व जज गीता मित्तल करेंगी, 2 अन्य सदस्य- जस्टिस शालिनी जोशी और आशा मेनन होंगी.

    “दूसरे राज्यों की पुलिस के अधिकारी करें टीम में शामिल”
    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि 11 एफआईआर सीबीआई को ट्रांसफर की गई हैं, हम उसमें दखल नहीं देंगे, लेकिन हम निर्देश देंगे कि कम से कम सीबीआई टीम में 5 अधिकारी डिप्टी एसपी या एसपी रैंक के हों. ये अधिकारी दूसरे राज्यों की पुलिस से हों, लेकिन स्थानीय लोगों से हिंदी में बात कर सकें. सीबीआई जांच की निगरानी मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर दत्तात्रेय पटसालगिकर करेंगे.

    सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये निर्देश
    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 42 एसआईटी बनाने की बात कही है. हम चाहते हैं कि हर एसआईटी में कम से कम एक इंस्पेक्टर सदस्य हो, जो दूसरे राज्य की पुलिस से होगा. दूसरे राज्यों से डीआजी रैंक के 6 अधिकारी हों, जो 42 एसआईटी के काम पर निगरानी रखेंगे.

    Share:

    पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मणिपुर के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की सोनिया गांधी ने

    Mon Aug 7 , 2023
    नई दिल्ली । कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष (CPP President) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सोमवार को पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति (Situation of Northeastern State) पर चर्चा करने के लिए (To Discuss) मणिपुर के कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders of Manipur) से मुलाकात की (Met) । इसमें पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह समेत अन्य नेता शामिल […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved