जबलपुर। एसबीआई स्टाफ हाउसिंग कॉपेरेटिव सोसायटी भोपाल ने माननीय डीआरटी जबलपुर के समक्ष विभिन्न आधारों पर पुर्नविलोकन याचिका प्रस्तुत की थी। जिसमें सोसायटी द्वारा विभिन्न प्रार्थना के साथ मांग की जा रही थी कि हुडको द्वारा जो मांग की जा रही है उसे न्यायिक दृष्टिांतो की कसौटी पर परखा जाये। यह कि हाउसिंग सोसायटी द्वारा पृथक-पृथक तीन योजनों अंतर्गत हुडकों से कुल 1 करोड़ अठासी लाख बहत्तर हजार का ऋण प्राप्त किया गया था एवं सोसायटी का पक्ष यह था कि उनके द्वारा बहुत सी राशि अदा कर दी गई है। यह हुड़कों द्वारा ब्याज व चक्रवर्ती ब्याज व अन्य दंडात्मक अनुबंधनात्मक प्रावधानों के कारण दिनांक 31/10/2022 तक 100 करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया स्पष्ट की जा रही थी।
इस संदर्भ में अन्यंत्र एक अरब एक करोड़ सत्रह लाख तैंतीस हजार दो सौ उनसठ रूपये के बकाया का प्रकाशन भी हुआ है। उक्त हाउसिंग सोसायटी की ओर से अधिवक्ता राहुल दुबे के द्वारा विभिन्न न्याय दृष्टांत माननीय प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किये गये एवं तर्क रखा गया कि सोसायटी रहवासियों के लिये हैं। यह कि ब्याज की गणना न्यायसंगत होना चाहिये। वादकालीन ब्याज न्यायालय का विषय क्षेत्र है, इसकी गण्ना किसी पूर्व अनुबंध के तहत नहीं हो सकती है। यह कि सोसायटी के अधिवक्ता राहुल दुबे ने वृहद पक्ष रखा एवं विभिन्न न्याय दृष्टांतों को प्रस्तुत किया। जिसके परिपेक्ष्य में माननीय डीआरटी जबलपुर द्वारा 10 प्रतिशत साधारण ब्याज से एक साल के भीतर राशि जमा करने की सशर्त राहत हाउसिंग सोसायटी को प्रदान की गई। यह कि जिसके प्रकाश में हाउसिंग सोसायटी को लगभग 80 करोड़ से ज्यादा रूपये की राहत प्राप्त हुई है।
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