डेस्क: भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने अपनी आधार दर में 10 आधार अंकों (Base Rates Hike) का इजाफा किया है. एसबीआई के इस कदम से मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ऋण थोड़ा महंगा (Costlier Loan) होना तय है. एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक बेस रेट में 10 बीपीएस की बढ़ोतरी की है. नई दर 15 दिसंबर 2021 से प्रभावी हो गई है. इससे पहले सितंबर में बैंक ने आधार दर को 5 आधार अंक घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया था.
भारतीय स्टेट बैंक ने प्राइल लेंडिंग रेट (PLR) को भी बढ़ाने का फैसला किया है. देश के सबसे बड़े कर्जदाता ने पीएलआर में 2.5 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी करते हुए इसे 10 फीसदी से 12.30 फीसदी कर दिया है. वहीं, बेस रेट में 10 बेसिस पॉइंट यानी 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद अब नई दर 7.55 फीसदी होगी.
FD पर भी एसबीआई ने बढ़ाईं दरें
SBI ने 15 दिसंबर 2021 से 2 करोड़ रुपये से ऊपर की सावधि जमाओं (Term Deposits) पर ब्याज भी बढ़ा दिया है. वहीं, 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी (FD) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
ग्राहकों को तगड़ा झटका
बैंक द्वारा बेस रेट बढ़ाए जाने का सीधा असर एसबीआई के ग्राहकों पर पड़ेगा. बेस रेट में बढ़ोतरी होने से ब्याज दरें पहले से महंगी हो जाएंगी जिससे लोन लेने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज देना होगा. बैंक के इस कदम से होम लोन, ऑटो लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन की दरें बढ़ जाएंगी. ग्राहकों को अब पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा.
हड़ताल के बीच लिया फैसला
SBI ने हड़ताल के बीच यह फैसला लिया है. इस समय बैंक कर्मचारियों (Bank Employees) के 9 संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने दो दिन की हड़ताल (Bank Strike) का ऐलान किया है. दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण (Bank Privatization) के खिलाफ इस हड़ताल का ऐलान किया गया है.
आरबीआई ने दरों में नहीं किया बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के अपने फैसले की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद एसबीआई ने आधार दर में वृद्धि की है. बीते 8 दिसंबर को आरबीआई ने दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के अपने निर्णय की घोषणा की थी. फिलहाल रेपो रेट (repo rate) 4 परसेंट और रिवर्स रेपो रेट (reverse repo rate) 3.35 फीसदी है.
क्या होता है बेस रेट
बेस रेट के आधार पर ही बैंक लोन का ब्याज तय होता है. किसी बैंक का बेस रेट वह मिनिमम रेट है जिसके नीचे कोई भी बैंक किसी व्यक्ति या संस्था को लोन नहीं दे सकता. बेस रेट वह दर है जिस दर को बैंक अपने कस्टमर के लिए लागू करता है. या फिर ऐसे कह सकते हैं कि कॉमर्शियल बैंक जिस रेट पर कस्टमर को लोन देते हैं, वही बेस रेट है.
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