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SBI को सुप्रीम कोर्ट से लगा तगड़ा झटका, ऑनलाइन ठगी का है मामला

January 07, 2025

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने SBI को फटकार लगाई है. साथ ही 94,000 रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए है. आखिर SBI को सुप्रीम कोर्ट से क्यों फटकार लगी. 94,000 रुपये का भुगतान करने के पीछे क्या कहानी है. SBI पर किसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से समझते है.

यह कहानी है असम के व्यक्ति की. साल 2021 में इस व्यक्ति ने लुइस फिलिप का ब्लेजर खरीदा था. इसके बाद उसे यह पसंद नही आने की वजह से इसे लौटाने का सोचा था. लुइस फिलिप की वेबसाइट हैक हो गई. धोखेबाज ने इस व्यक्ति से संपर्क किया और खुद को लुइस फिलिप के कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बताया. उसने यह बताया कि ब्लेजर तभी लौटाया जा सकता है अगर एक ऐप फोन पर इंस्टॉल किया जाए. जैसे ही यह ऐप इंस्टॉल हुआ, धोखेबाज ने व्यक्ति का बैंक खाता खाली कर दिया.


व्यक्ति ने तुरंत एसबीआई के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया. शिकायत भी दर्ज कराई. SBI ने उसे सूचित किया. इसके बाद कार्ड और अकाउंट ब्लॉक कर दिया. इसके बाद उसने जलुकबारी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई. असम पुलिस के साइबर क्राइम सेल में तीन शिकायतें की. कोई खास सफलता न मिलने पर उसने पहले आरबीआई ओम्बड्समैन के पास और बाद में गुवाहाटी हाई कोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया.

यह रकम 94,000 रुपये की एक बड़ी रकम थी. भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने न तो साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज की और न ही चार्जबैक का अनुरोध किया. उसने ग्राहक को ही लापरवाह ठहरा दिया. इतना ही नहीं SBI ने कहा कि चूंकि धोखाधड़ी गूगल पे के जरिए हुई थी. इसलिए बैंक जिम्मेदार नहीं है. बैंक का कहना था कि गूगल पे एक थर्ड-पार्टी ऐप है. बैंक कभी भी थर्ड-पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देता.

असम के इस व्यक्ति ने हार नहीं मानी. साथ ही उसने SBI के खिलाफ आरबीआई बैंकिंग ओम्बड्समैन, गुवाहाटी हाई कोर्ट और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया. आरबीआई ओम्बड्समैन से हारने के बाद, गुवाहाटी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उसे न्याय दिया. साथ ही एसबीआई को 94,000 रुपये का पूरा भुगतान करने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SBI के पास आजकल बेहतरीन टेक्नॉलजी है. फिर भी वह साइबर धोखाधड़ी को रोकने में विफल रहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब पीड़ित ने 24 घंटे के अंदर धोखाधड़ी की सूचना SBI को दी थी. तो बैंक को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन किया.

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