नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के एवज में वसूले गए 164 करोड़ रुपये न लौटाने के मामले में अब भारतीय स्टेट बैंक (sbi) ने अपनी सफाई दी है। एसबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन पर लिए गए शुल्क को वापस करने के मामले में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इस संबंध में सरकारी और नियामकीय संस्थाओं का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं।
जानें क्या है यह पूरा मामला
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक पर एक रिपोर्ट आई थी, जिसे लेकर प्रमुख सरकारी बैंक ने सफाई जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया था कि बैंक ने अप्रैल, 2017 से लेकर दिसंबर, 2019 के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के एवज में वसूले गए 164 करोड़ रुपये के अनुचित शुल्क को अभी तक लौटाया नहीं है।
सरकार ने दिया था वापसी का निर्देश
इस संबंध में सरकार की ओर से भारतीय स्टेट बैंक को यह वसूला गया शुल्क ग्राहकों को लौटाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन हालिया जारी रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ने अभी तक बस 90 करोड़ का शुल्क ही वापस किया है, अभी 164 करोड़ रुपये की राशि लौटाई जानी बाकी है। गौरतलब है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे की तरफ से जन-धन खाता योजना पर यह रिपोर्ट तैयार की गई थी।
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