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    Sawan Month: इस दिन से शुरू होगा सावन? जानें किस दिन और किस मुहूर्त में जल चढ़ाने से पूर्ण होगी मनोकामना

  • July 09, 2022

    डेस्क: सनातन परंपरा में कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा सबसे सरल और शीघ्र फलदायी मानी गई है. भोले शंकर, गंगाधर, नीलकंठ आदि के नाम से पूजे जाने वाले महादेव की पूजा कभी भी और किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन उनकी साधना-आराधना के लिए श्रावण मास (Shravan Month) को सबसे उत्तम माना गया है, जो कि इस साल 14 जुलाई 2022 से लेकर 12 अगस्त 2022 तक रहेगा. शिव कृपा बरसाने वाले श्रावण मास क्या धार्मिक महत्व है, आखिर यह मास भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को क्यों प्रिय है और इसमें किस दिन और किस मुहूर्त में पूजा करना फलदायी रहेगा आइए इसे उत्तराखंड ज्योतिष (Astrology) परिषद के अध्यक्ष पं. रमेश सेमवाल के माध्यम से जानते हैं.

    भगवान शिव को क्यों प्रिय है श्रावण मास

    1. जिस श्रावण मास में भगवान शिव की विधि-विधान से साधना-आराधना करने पर शिव भक्त के जीवन से जुड़े सभी कष्ट शीघ्र ही दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वह देवों के देव महादेव को इतना क्यों प्रिय है, इसके पीछे कई पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.
    2. मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण मास में कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर ने उनकी यह मनोकामना पूरी की थी. तभी से इस पावन मास में की जाने वाली शिव साधना शीघ्र फलदायी मानी जाने लगी. सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है. श्रावण मास में न सिर्फ भगवान शिव को समर्पित सोमवार के दिन बल्कि मंगलवार के दिन माता गौरी की पूजा करने का बहुत ज्यादा महत्व है.
    3. मान्यता है कि श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था और उसमें से निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने पीकर अपने कंठ में समाहित किया था. जिसके बाद जब उनका कंठ नीले रंग का हो गया तो वे नीलकंठ कहलाए. मान्यता है कि भगवान शिव द्वारा किए गए विषपान के बाद विष के असर को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया था, तभी से इस पावन मास में भगवान शिव को जल अर्पित करने की परंपरा प्रारंभ हुई. मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव को जल चढ़ाने से शिव साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
    4. भगवान शिव के प्रिय मास से एक और कथा जुड़ी है, जिसके अनुसार मरकंडू ऋषि के पुत्र मार्कंडेय ने लंबी आयु के लिए इसी श्रावण मास में घोर तप करके भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया था. तभी से भगवान शिव से लंबी आयु, आरोग्य और सौभाग्य को पाने के लिए शिव भक्त श्रावण मास में शिव साधना करते चले आ रहे हैं.
    5. श्रावण मास को लेकर मान्यता यह भी है कि भगवान शिव इसी पावन मास में पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे, जहां पर उनका स्वागत अर्घ्य और जल से किया गया था. गौरतलब है कि भगवान शिव की ससुराल हरिद्वार स्थित कनखल में है. ऐसे में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए श्रावण मास सबसे उत्तम समय माना गया है. मान्यता यह भी है कि चूंकि श्रावण मास में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, तब भगवान शिव पर ही सृष्टि संचालन का दायित्व आता है.

    कब-कब पड़ेगा श्रावण सोमवार का व्रत

    श्रावण मास में औढरदानी भगवान शिव की पूजा कोई भी भक्त कभी भी कर सकता है, लेकिन इसमें पड़ने वाले सोमवार के दिन विधि-विधान से शिव साधना करने का बहुत ज्यादा महत्व है. आइए जानते हैं कि शिव कृपा बरसाने वाले श्रावण सोमवार कब-कब पड़ेंगे.

    • पहला श्रावण सोमवार व्रत – 18 जुलाई 2022
    • दूसरा श्रावण सोमवार व्रत – 25 जुलाई 2022
    • तीसरा श्रावण सोमवार व्रत – 01 अगस्त 2022
    • चौथा श्रावण सोमवार व्रत – 08 अगस्त 2022
    • पांचवां श्रावण सोमवार व्रत – 12 अगस्त 2022

    कैसे रखें श्रावण सोमवार का व्रत
    श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद दाहिने हाथ में जल लेकर श्रावण सोमवार के व्रत का संकल्प करें. इसे बाद सभी देवी-देवताओं का ध्यान करने के बाद भगवान शिव को गंगा जल से स्नान कराएं और ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए विधि-विधान से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. यदि रुद्राभिषेक न कर पाएं तो श्रद्धा और विश्वास के साथ गंगाजल और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं.

    कब पड़ेगी शिवरात्रि
    इस साल भगवार शिव की कृपा बरसाने वाली शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान शिव की चार प्रहर की साधना-आराधना करनी चाहिए. शिवरात्रि पर भगवान शिव के रुद्राभिषेक करने का बहुत ज्यादा महत्व है. ऐसे में इस महापर्व पर शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र, बेल का फल, धतूरा, रुद्राक्ष, मिठाई, आदि अर्पित करके भगवान शिव के मंत्र का जाप करना चाहिए.

    शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
    इस साल शिवरात्रि 26 जुलाई 2022 को पड़ेगी. पंचांग के अनुसार इस दिन चतुर्थी तिथि 06:45 बजे से प्रारंभ होकर 27 जुलाई 2022 को 09:10 बजे तक रहेगी.

    शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
    शिवरात्रि के महापर्व पर भगवान शिव को जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त 26 जुलाई 2022 को सायंकाल 07:23 बजे से प्रारंभ होकर 09:27 मिनट तक रहेगा.

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