सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। आज यानि 09 अगस्त को सावन महीने का तीसरा सोमवार है। सावन माह देवो के देव महादेव को अतिप्रिय है । इस माह में भगवान शिव की विशेष पूजा- अर्चना(worship) की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शंकर का वास पृथ्वी लोक में ही होता है। सावन में भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं (wishes) पूरी हो जाती है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) की अराधना जरूर करें।
कैसे नाम पड़ा श्रावण मास-
भगवान शिव (Lord Shiva) को सावन का महीना बहुत प्रिय है। पौराणिक कथा के अनुसार, सनत कुमार ने भगवान शिव से पूछा कि आपको सावन का महीना क्यों प्रिय है। सनत कुमार की ये बात सुनकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने सनत कुमार से कहा कि आप इस माह के फल को श्रवण (सुनना) चाहते हैं। इसी के आधार पर इस माह का नाम श्रावण पड़ा। इसके अलावा, पूर्णिमा तिथि में श्रवण नक्षत्र का संयोग बनता है। इसलिए भी इसे श्रावण मास कहा जाता है।
पूजा- विधि(worship method)
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं। भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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