मुंबई। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के प्रपौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi) एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं। उन्होंने इस बार ऐसा आरोप लगाया कि सुनने वाले भी हैरान रह जाएंगे।
दरअसल, महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के प्रपौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi) ने दावा किया है कि स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (Damodar Savarkar) ने राष्ट्रपिता की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे को एक ”कारगर बंदूक” खोजने में मदद की थी।
(1 of 2) When in 1930s several attempts were made on Bapu’s life. Prabodhankar Thackerey forewarned Bapu’s companions about a plot to kill Bapu in Akola, Vidarbha and saved Bapu’s life. He then issued a public warning to Sanatani Hindu organisations &(Continued)
— Tushar (@TusharG) November 20, 2022
तुषार गांधी (Tushar Gandhi) ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि सावरकर ने न केवल अंग्रेजों की मदद की, बल्कि उन्होंने बापू की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे को एक “कारगर बंदूक” खोजने में भी मदद की। बापू की हत्या से दो दिन पहले तक गोडसे के पास मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के लिए एक विश्वसनीय हथियार नहीं था।
वहीं उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जब 1930 के दशक में बापू को मारने के लिए कई प्रयास किए गए, तो प्रबोधनकर ठाकरे ने बापू के साथियों को अकोला, विदर्भ में बापू को मारने की साजिश के बारे में आगाह किया और बापू की जान बचाई। इसके बाद उन्होंने सनातनी हिंदू संगठनों और महाराष्ट्र में उनके नेतृत्व को बापू पर जानलेवा हमलों से दूर रहने की सार्वजनिक चेतावनी दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि सावरकर और हेडगेवार सनातनी हिंदुओं के नेता थे, इसलिए इसलिए प्रबोधनकर की चेतावनी उन्हीं के लिए थी। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को उनके इतिहास के इस अंश को अवश्य याद दिलाना चाहिए।
तुषार गांधी (Tushar Gandhi) के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने इन टिप्पणियों को निराधार बताया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया था और सावरकर को इस तरह के आरोपों से बरी कर दिया था। फिर भी कुछ लोग इस तरह की निराधार टिप्पणी करके सावरकर के खिलाफ समाज को गुमराह करते हैं।
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