भोपाल: मध्यप्रदेश आरटीओ (Madhya Pradesh RTO) के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) के परिजनों को ईडी से जुड़े मामले में जमानत मिल गई है. 11 अप्रैल को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट (Special Court) ने 10-10 लाख रुपए के बॉण्ड पर जमानत दी है. 18वें अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत से 10 लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत मिली है. ईडी की चार्जशीट में सौरभ शर्मा, चेतन गौर समेत अन्य परिजनों के नाम थे.
इस मामले में सौरभ की मां उमा शर्मा, जीजा विनय आसवानी, पत्नी दिव्या शर्मा और साले रोहित तिवारी को जमानत मिली है. वहीं सौरभ और उसके सहयोगी शरद और चेतन की पेशी 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई जाएगी. ईडी ने करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ मंगलवार को कोर्ट में चालान पेश किया था. इसमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश सौरभ का ही बताया गया है. ईडी ने चालान में 12 आरोपी तय किए हैं. जिसमें सौरभ शर्मा, उसकी मां, पत्नी दिव्या, शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर के अलावा इनकी फर्में और डायरेक्टर भी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक ईडी ने हजार पन्नों की चार्जशीट में कहा है कि सौरभ और उसके सहयोगियों द्वारा जो भी संपत्ति बनाई गई है, वह मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से कमाई गई है. इसलिए इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है. चार्जशीट में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवार, विजन हसवानी, प्यारेलाल केवट के अलावा इनकी फर्मों में शामिल अन्य लोग शामिल हैं.
वकील हरीश मेहता के मुताबिक ईडी ने चालान में तीन के यहां छापे के बाद पाई गई अनक्लेम्ड प्रॉपर्टी को राजसात करने के लिए कहा है. ईडी सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों चेतन गौर, शरद जायसवाल से पूछताछ के बाद 100.36 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर चुकी ई. इन तीनों को ईडी ने केंद्रीय जेल से न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान गिरफ्तारी कर अदालत से सात दिन की रिमांड पर लिया था. इस दौरान लंबी पूछताछ की गई थी.
ईडी ने कहा कि पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा द्वारा अपने और रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई गई है. ईडी ने इन सबके स्वामित्व और उनके कंट्रोल की जाने वाली फर्मों, कंपनियों, सोसाइटी के नाम पर अर्जित 92.07 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया था. इन संपत्तियों को उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया था.
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