नई दिल्ली: अमेरिकी खजाने में सऊदी अरब की हिस्सेदारी लगातार पांचवें महीने बढ़ी है. नवंबर से दिसंबर में ये 2.96 प्रतिशत बढ़कर 131.9 अरब डॉलर हो गई. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों ने दिसंबर में सऊदी अरब को ऐसे वित्तीय साधनों में सबसे बड़े निवेशकों में 16वें स्थान पर रखा.
रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि नवंबर में सऊदी के पास 128.1 बिलियन डॉलर मूल्य के बांड थे, जबकि अक्टूबर और सितंबर में क्रमशः 117.5 बिलियन डॉलर और 117.1 बिलियन डॉलर थे. आंकड़ों से संकेत मिलता है कि सऊदी अरब के अमेरिकी खजाने के पोर्टफोलियो में 107.7 बिलियन डॉलर के दीर्घकालिक बांड शामिल हैं, जो कुल मूल्य का 82 प्रतिशत है.
इसी तरह, सऊदी के अल्पकालिक बांड की राशि दिसंबर में 24.2 बिलियन डॉलर थी, जो कुल मूल्य का 18 प्रतिशत है. विश्लेषण से पता चला कि जापान दिसंबर में अमेरिकी ट्रेजरी बांड में सबसे बड़े निवेशक के रूप में उभरा, जिसकी कुल हिस्सेदारी 1.13 ट्रिलियन डॉलर थी. इसके बाद चीन और यूके थे, जिनके पोर्टफोलियो का मूल्य क्रमशः 816.3 बिलियन डॉलर और 753.7 बिलियन डॉलर था.
भारत किस स्थान पर?
लक्जमबर्ग ने 370.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ चौथा स्थान हासिल किया, जबकि कनाडा और आयरलैंड ने क्रमशः 336.1 बिलियन डॉलर और 332.3 बिलियन डॉलर के ट्रेजरी पोर्टफोलियो के साथ पांचवां और छठा स्थान हासिल किया. बेल्जियम ने 314.4 अरब डॉलर के राजकोषीय भंडार के साथ सातवां स्थान प्राप्त किया. इसके बाद केमैन द्वीप और स्विट्जरलैंड क्रमशः 305.2 अरब डॉलर और 287.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ हैं.
फ्रांस 260 अरब डॉलर की राजकोषीय संपत्ति के साथ 10वें स्थान पर है, जबकि ताइवान और भारत क्रमशः 252.5 अरब डॉलर और 233.7 अरब डॉलर के पोर्टफोलियो के साथ ग्यारहवें और बारहवें स्थान पर हैं.
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