नई दिल्ली। महिलाओं के अधिकारों और यहां तक कि उनके कपड़े, रहन-सहन को लेकर कभी बेहद सख्त रहे सऊदी अरब ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सरकार में दो महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश की रूढ़िवादी छवि को बदलने की अपनी मुहिम के तहत निर्णय लेते हुए सरकार में दो महिलाओं को वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किया है।
दरअसल, सऊदी अरब की सरकार ने रविवार को जारी एक फरमान में शिहाना अलजाज को सऊदी कैबिनेट की पहली महिला उप महासचिव नामित किया है। वहीं साथ ही हाइफा बिन्त मोहम्मद अल सऊद को पर्यटन के उप मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अलजाज सऊदी अरब में वकालत का लाइसेंस प्राप्त करने वाली शुरूआती महिलाओं में से एक थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार कार्यबल में विविधता लाना चाहती है। सऊदी अरब धीरे-धीरे महिलाओं पर प्रतिबंधों में ढील दे रहा है। इसी कड़ी में पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की महिला कर्मचारियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है और उन्हें पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना काम करने की अनुमति दी गई है।
हालांकि एक आंकड़े के मुताबिक अभी भी महिला बेरोजगारी की दर पुरुष नागरिकों की तुलना में लगभग चार गुना है। इसके बावजूद भी सऊदी सरकार अब ढील दे रही है। वहां महिलाएं अब घरों से निकलकर बाहर काम कर रही हैं और वो बिना बुर्के और हिजाब के भी देश की सड़कों पर घूम सकती हैं। महिलाओं को अब आजादी है कि वो अपने मनपसंद का हेयरस्टाइल अपना सकें।
सऊदी क्राउन प्रिंस अपने महत्वाकांक्षी ‘विजन 2030’ के तहत देश की रूढ़िवादी छवि को सुधारकर देश में अधिक से अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कोशिश में हैं। वह तेल पर सऊदी अर्थव्यवस्था की अर्थव्यवस्था की निर्भरता कम करना चाहते हैं। सऊदी अरब को वे व्यापार के लिए सबसे अच्छी जगह बनाने और खाड़ी देशों की प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने की होड़ में सऊदी में कई तरह के सुधार कर रहे हैं। अधिक से अधिक महिलाओं को कामकाजी बनाना और उन्हें स्वतंत्रता देना उसी का एक हिस्सा है।
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