वाशिंगटन। पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक तंगहाली (Pakistan Economic Crisis) झेल रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) समेत मित्र देशों की मदद के बावजूद इकोनॉमी की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के पास एक ऐसा खजाना भी है, जो देश का आर्थिक संकट झटके में खत्म कर सकता है और ये Gold का खजाना है. जी नहीं हम पाकिस्तान के गोल्ड रिजर्व की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि वहां के बलूचिस्तान में मौजूद सोने की खदानों, खास तौर पर रेको दिक (Reko Diq) खदान की कर रहे हैं, जिसमें सरकार 15% हिस्सेदारी सऊदी अरब को बेचने की तैयारी कर रही है.
रेको दिक में 15% हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव!
बीते दिनों आई दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, Saudi Arab के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) ने रेको दिक खनन परियोजना (Reko Diq Mining Project) में 15% हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है. इसके साथ ही माइनिंग सेक्टर के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए अनुदान देने का भी ऑफर पाकिस्तान सरकार को दिया है.
पाकिस्तान की इकोनॉमी (Pakistan Economy) के नाजुक दौर में देश में मौजूद सोने और तांबे की खदानें संकट से उबारने की क्षमता रखती हैं. बात अगर बलूचिस्तान प्रांत के चगाई जिले में मौजूद Reko Diq की करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें करोड़ों टन सोना (Gold) भरा पड़ा है. इस खजाने का दोहन पाकिस्तान के आर्थिक संकट को कम करने में काम आ सकता है. बता दें कि रेको दिक माइन दुनिया के सबसे बड़े सोने और तांबे की खानों में से एक है.
पहली खुदाई में निकला था इतना सोना
पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से काफी समृद्ध माना जाता है और यहां मौजूद खानों में सोने-तांबे के भंडार भरे हुए हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो Reko Diq खान में जब साल 1995 में पहली बार खुदाई की गई थी, तो शुरुआती चार महीने में यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकाला गया था. उस समय एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि इस खान में करीब 40 करोड़ टन सोना मौजूद हो सकता है, इस सोने की अनुमानित कीमत लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा बताई जाती है.
ब्लूमबर्ग की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की रेको दिक दुनिया में सबसे बड़े अविकसित तांबे और सोने के भंडार में से एक है, जो आधी शताब्दी से अधिक समय तक 2,00,000 टन तांबे और 2,50,000 औंस सोने के प्रोडक्शन में सक्षम है. हालांकि, इस खनन परियोजना को पाकिस्तान सरकार और बैरिक गोल्ड एंड एंटोफगास्टा पीएलसी के बीच विवाद के चलते रोक दिया गया था.
GDP का 42% के बराबर पाकिस्तान पर कर्ज
बदहाल आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज (Pakistan Debt) ले चुका है और लेता ही जा रहा है. बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर 124.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है, जो उसकी जीडीपी का 42 फीसदी है. IMF से मिली मदद के बाद उसके खजाने में कुछ उछाल आया है, लेकिन देश के हालातों को सुधारने के लिए ये नाकाफी साबित हो रहा है.
इस साल 30 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से करीब 9000 हजार करोड़ से ज्यादा की आर्थिक मदद मिलने के बाद मई महीने में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) 1.20 लाख करोड़ हो गया. ऐसे में सरकार का कहना है कि उसके पास सरकारी कंपनियों को बेचने का रास्ता बाकी बचा है.
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