नई दिल्ली (New Dehli)। सऊदी अरब ने अमेरिकी प्रशासन (US administration)को भी अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है. रियाद (Riyadh)ने अमेरिका से कहा है कि इजराइल के साथ कोई राजनयिक संबंध (diplomatic relations)नहीं होंगे, जब तक कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा (परिषद) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को कहा था कि बाइडेन प्रशासन को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है कि सऊदी अरब और इजराइल सामान्यीकरण चर्चा जारी रखने के इच्छुक हैं. सऊदी अरब का ये बयान अमेरिका की टिप्पणी के बाद आया है।
सऊदी अरब ने क्या कहा?
सऊदी ने ये भी कहा है कि गाजा पट्टी पर इजरायली आक्रमण बंद हो और सभी इजरायली कब्जे वाली सेनाएं गाजा पट्टी से हट जाएं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी. वह गाजा की स्थिति पर सहयोगियों के साथ चर्चा करने के लिए सऊदी के दौरे पर हैं. वह मंगलवार को मिस्र और कतर का दौरा करने के बाद इजराइल पहुंचे।
आज तक इजराइल को एक देश के तौर पर मान्यदा नहीं दी
इससे पहले पिछले महीने सऊदी के एक राजनयिक ने कहा था कि जब तक गाजा में सीजफायर के लिए इजराइल तैयार नहीं हो जाता तब तक उसके साथ सऊदी का रिश्ता नहीं होगा. सऊदी अरब ने आज तक इजराइल को एक देश के तौर पर मान्यदा नहीं दी है. पिछले साल दोनों देश संबंध सामान्य करने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन इजराइल और हमास के बीच जंग ने बातचीत को पटरी से उतार दिया. सऊदी के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर कुछ शर्तें रखी थीं. इन शर्तों में वाशिंगटन से सुरक्षा की गारंटी और नागरित परमाणु कार्यक्रम विकसित करना शामिल है।
A Statement from the Ministry of Foreign Affairs regarding the discussions between the Kingdom of Saudi Arabia and the United States of America on the Arab-Israeli peace process. pic.twitter.com/UBWc30iv1V
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) February 7, 2024
2002 की अरब शांति पहल के बाद से सऊदी अरब फिलिस्तीनी मुद्दे पर दृढ़ रहा है. सऊदी अरब पहले अमेरिका के साथ रक्षा समझौते के बदले में इजराइल के साथ एक समझौते पर सहमत हुआ था जो राज्य को अपने नागरिक परमाणु कार्यक्रम के निर्माण में मदद करेगा. हालांकि इजाराइल-हमास युद्ध छिड़ने के बाद स्थितियां बदल गईं. 7 अक्टूबर के बाद से गाजा में इजराइली बमबारी के कारण 27,500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. गाजा में ज्यादातर मौतें महिलाओं और बच्चों की हुई हैं।
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