नई दिल्ली। तीन महीने के बाद एक बार फिर सऊदी अरब भारत को तेल बेचने के मामले में दूसरे नंबर पर आ गया है। उसने रूस के पीछे छोड़ दिया है। वहीं ईराक अब भी भारत को सबसे ज्यादा तेल सप्लाई करता है। बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। अब सऊदी अरब से हर दिन 863,950 बैरेल कच्चा तेल आयात किया जा रहा है जो कि पिछले महीने से 4.8 फीसदी ज्यादा है। वहीं रूस से आयात 2.4 फीसदी कम हो गया है।
सऊदी अरब से तेल का आयात बढ़ने के बावजूद पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन से तेल आयात में 59 फीसदी की कमी आई है जो कि 16 साल में सबसे कम है। इसकी वजह है कि भारत ने अफ्रीकी देशों से तेल आयात करना बहुत कम कर दिया है। बता दें कि यूक्रेन पर हमले के बाद बहुत सारे पश्चिमी देशों ने रूस से तेल आयात करना बंद कर दिया। इसलिए भारत चीन के बाद रूस से तेल आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया था।
रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद पश्चिमी देशों में खड़े हुए संकट से बचने और आवाम को ध्यान में रखते हुए भारत ने रूस से तेल का आयात बंद नहीं किया था। भारत तने सार्वजनिक रूप से रूस के इस हमले की निंदा भी नहीं की। अब एससीओ समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं। जून में भारत ने बड़ी मात्रा में रूस से तेल आयात किया लेकिन फिर रूस ने डिस्काउंट कम कर दिया।
एक जानकार के मुताबिक एशिया में तेल की बड़ी मांग को देखते हुए रूस ने डिस्काउंट कम कर दिया। वहीं नियमों और अनुबंधों के हिसाब से सऊदी अरब से तेल आयात बंद नहीं हो सकता। आंकड़ों के मुताबिक कुछ रिफाइनरीज की मरम्मत की वजह से अगस्त और जुलाई में भारत ने तेल आयात कम कर दिया था। वहीं कजाकिस्तान, रूस औरअजरबैजान से तेल आयात बढ़ने की वजह से भारत ने अफ्रीकी देशों से आयात कम कर दिया।
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