नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनि को कर्मफलदाता (karma giver to saturn) कहा गया है। यानी कि शनि कर्मों के मुताबिक फल देने वाले देवता हैं इसलिए लोग शनि देव से बहुत डरते हैं। यदि शनि की टेढ़ी नजर पड़ जाए तो व्यक्ति का जीवन बर्बाद होने में समय नहीं लगता है।
बता दें कि शनि जयंती के बाद शनिदेव वक्री चाल यानी उल्टी चाल शुरू करेंगे। 5 जून को शनि उल्टी चाल शुरू हो जाएगी। शनि की उल्टी चाल 5 जून देर रात 03 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। इसके बाद शनि कुंभ राशि में 23 अक्टूबर तक वक्री अवस्था में रहेंगे। इस तरह से शनि कुल 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि की उल्टी का चाल प्रभाव 4 राशि वालों को मुश्किलों में डाल सकता है। इस दौरान इन राशि वालों को बेहद संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। 5 जून से कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे शनि सभी 12 राशियों पर बड़ा असर डालेंगे वहीं 5 राशि वालों पर वक्री शनि का असर कुछ ज्यादा ही रहेगा क्योंकि इन राशियों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है।
वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि पर भी शनि की ढैय्या चल रही है. शनि के वक्री होते ही इस राशि के जातकों की मैरिड लाइफ पर असर पड़ सकता है बात-बात पर गुस्सा आएगा अहंकार की भावना हावी रहेगी।
मकर राशि – मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी इस राशि के जातकों पर है। वक्री शनि आपके करियर पर विपरीत असर डालेंगे। करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वाणी व गुस्से पर काबू रखें। कार्यस्थल पर उच्च अधिकारियों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं।
कुंभ राशि –कुंभ राशि पर भी साढ़े साती चल रही है. इस समय शनि कुंभ राशि में ही हैं और अब वक्री चाल चलेंगे, लिहाजा सबसे ज्यादा सावधान इन्हीं राशि वालों को रहना होगा. निवेश बहुत सोच-समझकर करें लेन-देन में भी सावधानी रखें. वरना नुकसान हो सकता है।
मीन राशि –मीन शनि के जातक भी साढ़े साती झेल रहे हैं। शनि वक्री रहने के दौरान इन जातकों के करियर और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकते हैं इसलिए सोच-समझकर खर्च करें. जीवनसाथी से विवाद न करें गलत काम न करें व्यापारियों को समस्या हो सकती है।
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