नई दिल्ली: ज्योतिष में सभी 12 राशियों को चार तत्वों में बांटा गया है. ये चार तत्व वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी हैं. वायु तत्व से जुड़ी मिथुन, तुला और कुंभ हैं. जिनमें मिथुन राशि का स्वामी बुध, तुला का शुक्र और कुंभ का शनि स्वामी ग्रह है. इन राशियों के स्वामी भले ही अलग हों लेकिन इन्हें एक ही तत्व में आने के कारण बहुत कुछ समानताएं होती हैं. साथ ही शनि-शुक्र और बुध मिलकर इनकी किस्मत चमकाते हैं.
मिथुन राशि (Gemini) : मिथुन राशि को वायु तत्व में रखा गया है. इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है. बुध ग्रह के कारण इस राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं. इस राशि के लोग अपनी बुध का इस्तेमाल कर हर काम में अव्वल होते हैं. इसके अलावा इस राशि के लोगों पर बुध देव की विशेष कृपा होती है. जिस कारण से इनकी किस्मत हमेशा साथ देती है.
तुला राशि (Libra) : वायु तत्व की दूसरी राशि तुला है. तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है. तुला राशि में शुक्र ग्रह की प्रधानता के कारण इस राशि के लोग कला और सुंदरता के मामले में दुसरों से अलग होते हैं. शुक्र देव की कृपा से इस राशि के जातक फिल्म इंडस्ट्री में जबरदस्त तरक्की करते हैं. हालांकि इस राशि के लोग कभी-कभी भावनाओं में बहकर गलत फैसले ले लेते हैं. इसके अलावा इस राशि को लोग मेहनती होते हैं. ये अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हर वक्त मेहनत करते रहते हैं.
कुंभ राशि (Aquarius) : ज्योतिष में कुंभ को शनि की राशि माना गया है. वायु तत्व प्रधान इस राशि के देवता शनि देव हैं. शनि इस राशि में मजबूत रहता है. इस राशि देव की कृपा से कुंभ राशि वालों की किस्मत हर वक्त साथ देती है. साथ ही हर काम में अव्वल होते हैं. कई बार इस राशि के जातक लोगों को बहुत ज्यादा जज करते हैं. जज करना इनके लिए परेशानी का कारण बन जाता है. हालांकि इस आदत पर नियंत्रण करने के बाद बेहतरीन लाइफ जीते हैं.
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