उज्जैन।तीन दिवसीय प्रवास पर उज्जैन पधारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh’s Sarsanghchalak Dr. Mohan Bhagwat) ने रविवार को इस्कॉन मंदिर (iskcon temple) में दर्शन किए।
इस्कॉन मंदिर (iskcon temple) परिसर में डॉ.भागवत की अगवानी इस्कॉन के बोर्ड मेंबर राघव पंडितदास एवं अध्यक्ष धीरगोरदास ने की। परिसर में बने तीनों मुख्य मंदिरों के दर्शन पश्चात डॉ.भागवत ने इस्कॉन के संत भक्तिचारु महाराज की समाधि पर पुष्प अर्पित कर आदरांजलि अर्पित की। इस्कॉन के प्रतिनिधि मंडल ने डॉ. भागवत को चर्चा में बताया कि यह संयोग है कि आपका इस्कॉन मंदिर में पधारना इस्कॉन संस्थापक प्रभुपाद की 125 वीं जयंती वर्ष में हुआ है। इस समय विश्व में इस्कॉन 750 से ज्यादा और भारत मे 331 मंदिरों के माध्यम से कृष्ण भक्ति मार्ग दिखा रहा है। इस्कॉन मंदिर समिति द्वारा डॉ.भागवत का प्रभुपाद की भगवा शॉल पहना कर अभिनंदन किया गया। राघव पंडित दास ने सरसंघचालक को बालभोग प्रसाद प्रदान किया। इस अवसर पर इस्कॉन से जुड़े नगर के गणमान्य नागरिक, मंदिर सह अध्यक्ष प्रेमाभक्ति प्रभु,ब्रजेन्द्र कृष्ण प्रभ,पुजारी अरुणाकय प्रभु,सुरक्षा प्रभारी गौरव प्रभु आदि उपस्थित थे।
सरसंघचालक डॉ. भागवत शनिवार रात्रि में ट्रेन से नागपुर से उज्जैन पहुंचे थे। आपका तीन दिवसीय मालवा प्रांत का प्रवास 22 फरवरी तक रहेगा। रविवार प्रात: इस्कान मंदिर में दर्शन पश्चात आपने मालवा प्रांत के प्रचारकों की बैठक ली। आपने मालवा प्रांत की महानगर,विभागसह: बैठकों का सिलसिला प्रारंभ किया। आपने शाखाओं की संख्या,शाखा में नियमित आनेवाले स्वयंसेवकों की संख्या के साथ ही शाखाओं से युवाओं को जोडऩे के लिए किए जा रहे प्रयास/कार्यो की विस्तृत जानकारी ली तथा मार्गदर्शन दिया।
बैठकों के क्रम में आपके द्वारा रविवार दोपहर भोजन के बाद प्रचारकों की पुन: बैठक ली जाएगी। जिसमें संघ शाखा विस्तार के लिए आप मार्गदर्शन देंगे। ज्ञात रहे संघ कार्य में मालवा प्रांत हमेशा अग्रणी रहा है। इसी के दृष्टिगत इस वर्ष का पहला प्रांत प्रवास, मालवा प्रांत को प्राप्त हुआ है। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान डॉ. मोहन भागवतजी संघ की बैठकों के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भी उपस्थित रहेंगे। रविवार को सायंकाल इस्कान मंदिर परिसर में मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ भेंट करेंगे। इस अवसर पर इस्कान के अन्तराष्ट्र्रीय उपाध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। 22 फरवरी को आप विद्या भारती के प्रशिक्षण शैक्षिक अनुसंधान केंद्र एवं प्रांतीय कार्यालय जिसका नाम सम्राट विक्रमादित्य भवन रखा गया है,का लोकार्पण करेंगे। यह चिंतामण गणेश मंदिर मार्ग पर बनाया गया है।
परिसर को सजाया भव्य रूप में
इस्कान मंदिर परिसर का एक हिस्सा मालवा प्रांत की बैठकों के लिए आरक्षित किया गया है। यहां प्रथम तल पर ही भव्य बैठक स्थल बनाया गया है। इसमें आकर्षक रांगोलियां बनाई गई है। वहीं बैठक तथा भोजन का पाण्डाल भी मालवा के प्राचीन माण्डने माण्डकर सजाया गया है।
इस्कान मंदिर परिसर के जिस हिस्से में संघ बैठकों का क्रम रहेगा और सरसंघचालकजी मौजूद रहेंगे,उस पूरे भवन में सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अन्य कार्यों के लिए संघ के स्वयंसेवकों की टोलियां अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रही हैं। इन टोलियों का समन्वय प्रांत पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। हर स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप देते समय मंथन किया गया है। मालवा की पारंपरिक सजावट का लुक देते हुए माण्डने माण्डे गए हैं वहीं अल्पाहार,भोजन तथा मालवी मिठाईयों का विशेष इंतजाम किया गया है।
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