भोपाल। प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त होने के साथ ही अब फिर से ग्राम पंचायतों की कमान सरपंचों को सौंपने की तैयारी है। चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने के बाद पंचायत संचालनालय ने पंचायतों की कमान सचिव एवं पंचायत समन्वय अधिकारी (पीसीओ)को सौंप दी थी। अब फिर से सरपंचों को कमान सौंपी जाएगी। इस संबंध में शासन स्तर पर फैसला अगले एक-दो दिन के भीतर हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव निरस्त करने का ऐलान करने के अगले ही दिन पंचायत संचालनालय की ओर से पंचायत संचालन संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। जिसमें मौजूदा स्थिति में सचिव एवं पीसीसी से पंचायत संचालित कराने के साथ-साथ पूर्व की भांति सरपंचों को पंचायत सौंपने का प्रस्ताव भी शामिल है। हालांकि अभी इसका फैसला राज्य शासन को करना है कि पंचायतों की कमान फिर से सरपंचों को सौंपी जाए या फिर सचिव एवं पीसीओ के पास ही अधिकार रहें।
चुनाव निरस्त होने के साथ ही आचार संहिता अप्रभावी
चुनाव आयोग द्वारा पंचायत चुनाव निरस्त करने के साथ ही प्रदेश भर में लागू आचार संहिता अप्रभावी हो गई है। ऐसे में सचिव एवं पीसीओ से पंचायतों की कमान वापस लेकर सरपंचों को सौंपी जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सरकार किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं करना चाहती है। क्योंकि पंचायतों के अधिकार सरपंचों को सौंपने को लेकर त्रि-स्तरीय पंचायत संघ मांग कर चुका है और आंदोलन की चेतावनी भी दे चुका है। ऐसे में में सरकार किसी तरह के विवादों से बचने के लिए सरपंचों को ही मुखिया बनाने की तैयारी में है।
पंचायतों के अधिकार फिलहाल सचिव और पीसीओ के पास हैं। चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायत संचालन को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा है।
आलोक कुमार सिंह, संचालक, पंचायत राज संचालनालय
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