इंदौर। सराफाचौपाटी को शिफ्ट करने की मांग तेज हो गई है, क्योंकि बीते वर्षों में इस चौपाटी का मूल स्वरूप ही पूरी तरह से चौपट हो गया और अब यह परिवार के साथ जाने लायक भी नहीं बची। सिर्फ नाम की ही चौपाटी रह गई है। इंदौर और मालवा के परम्परागत व्यंजनों की बजाय फास्ट फूड, जिनमें नूडल्स से लेकर पिज्जा, पावभाजी सहित अन्य का चलन ही अधिक हो गया और राशि भी मनमानी वसूल की जाने लगी है। महापौर द्वारा बनाई गई समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर का भी स्पष्ट कहना है कि व्यापारियों के साथ-साथ रहवासियों ने भी दू टक कहा है कि चौपाटी को शिफ्ट किया जाए।
महापौर के निर्देश पर कल सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति के अध्यक्ष श्री राजेंद्र राठौड़ एवं समिति सदस्य श्री निरंजन सिंह चौहान से सराफा रहवासी संगठन के दल द्वारा निगम मुख्यालय कक्ष में भेंट कर सराफा रह वासियों द्वारा रात्रि कालीन सराफा चौपाटी के कारण आने वाली समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देकर रहवासियों को चौपाटी के कारण आ रही समस्या से अवगत कराया गया। समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ एवं सदस्य श्री निरंजन सिंह चौहान को ज्ञापन देते हुए रहवासियों द्वारा बताया कि सराफा में 35 परिवार वर्षों से निवासरत है, इनमें कुछ व्यापारियों की नीचे दुकानें होकर उपर निवासरत है, रहवासियों द्वारा प्रमुख समस्याएं बताई जिनमें, रात्रि कालीन सराफा चैपाटी में अवैध दुकाने संचालित की जा रही है और ये चोपाटी अब दिन प्रतिदिन भयावह रूप लेती जा रही है। पिछले 4-5 वर्षों चैपाटी की दुकानें सराफा बाजार में हर कही खुलती जा रही है और अवैध तरीके से लगती जा रही है… इन अवैध दुकानों के कारण रहवासियों को निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रात्रिकालीन चोपाटी में विगत वर्षों से अवैध तरीके से दुकानें खुलती जा रही है जो की बीच सडक़ पर ही खोली जा रही है. ऐसे में रहवासियों को आपातकालीन समय (फायर इमरजेंसी, एम्बुलेंस इमरजेंसी) में बाहर निकलना बहुत कठिन हो रहा है। चौपाटी में आगजनी की संभावनाएं बढ़ती जा रही है, गैस के सिलिंडर भी बहुत ज्यादा है एवं कोयले की सिगड़ी का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है, कोयले की चूल्हों से दिन ब दिन वायु प्रदूषण हो रहा है और इसका धुआं पुरे बाजार में फैला रहता है, खुली हवा में थोड़ी देर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है. कोयले के चूल्हों से चिंगारियां भी बहुत निकलती है। वायु का प्रदूषण गैस चूल्हों के अलावा चैपाटी द्वारा तली हुई चीजों से भी हो रहा है, काफी सारे खाद्य प्रदार्थ बड़ी मात्रा में तले जाते हैं।
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