अमृतसरः पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में 1991 में गिरफ्तार सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का पंजाब में निधन हो गया. सरबजीत की रिहाई के लिए दलबीर कौर ने लंबी लड़ाई लड़ी थी. लेकिन 2013 में लाहौर की जेल में ही सरबजीत की मौत हो गई थी. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दलवीर कौर ने देर रात आखिरी सांस ली. उनका अंतिम संस्कार रविवार को पंजाब के भिखीविंड में होगा.
याद दिला दें कि भारत के नागरिक सरबजीत सिंह 30 अगस्त 1990 को गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए थे, जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें जासूस बताकर जेल में डाल दिया. 1991 में पाकिस्तान की अदालत ने सरबजीत को मौत की सजा सुनाई थी. सरबजीत पर लाहौर और फैसलाबाद में बम धमाकों की साजिश का आरोप लगाया गया था.
हालांकि भारत का कहना था कि ये गलत पहचान का मामला है. 2008 में सरबजीत की फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई थी. सरबजीत ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सामने 5 बार दया याचिका लगाईं, जो खारिज कर दी गईं. मई 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने 49 साल के सरबजीत पर हमला कर दिया, जिसमें उनकी मौत हो गई.
सरबजीत के इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं. भारत और पाकिस्तान सरकार के स्तर पर भी ये मामला उठा था. इसके लिए सरबजीत की बहन दलवीर कौर ने ही लंबी लड़ाई लड़ी थी. 2019 के चुनाव में दलवीर कौर ने हरियाणा के सिरसा से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. इसके लिए बीजेपी को आवेदन भी भेजा था. दलवीर 2016 में बीजेपी में शामिल हुई थीं. वह 2005 में अपने भाई सरबजीत को जेल से बाहर निकालने के संघर्ष के दौरान बीजेपी के संपर्क में आई थीं.
सरबजीत की जिंदगी पर एक बॉलीवुड फिल्म भी बनी थी, जिसमें सरबजीत का किरदार रणदीप हुड्डा ने निभाया था और दलबीर कौर की भूमिका ऐश्वर्या राय ने की थी. हालांकि ऐसे आरोप भी सामने आए कि दलवीर असल में सरबजीत की सगी बहन हैं ही नहीं. दलबीर कौर पर जेल में बंद उनके पति बलदेव सिंह ने भी आरोप लगाया था कि वह जिस बेटी को सरबजीत की बताकर सरकारी फायदा उठा रही हैं, दरअसल वह उनकी बेटी है. 60 साल की दलवीर कौर के निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है.
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