उज्जैन। नए मास्टर प्लान के तहत सांवराखेड़ी और जीवनखेड़ी क्षेत्र की सिंहस्थ मेला आयोजन के दौरान उपयोग में आने वाली जमीन को मेला क्षेत्र से मुक्त करने के प्रयास किए गए। इस पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने आपत्ति ली है और कहा है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र से यह जमीन मुक्त नहीं होगी। नए मास्टर प्लान के प्रारंभिक प्रकाशन पर अखाड़ा परिषद भोपाल में आपत्ति दर्ज कराएगी। उन्होंने नगर पूजा यात्रा मार्ग तथा परिधि में आने वाले मंदिरों पर हुए अतिक्रमणों को हटाने की मांग भी जिला प्रशासन से की। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 के दौरान जहाँ मेला क्षेत्र स्थापित था और वहाँ स्थाई और अस्थाई जो भी कैंप, सैटलाइट टाउन, पुलिस कैंप, हॉस्पिटल सांवराखेड़ी और जीवनखेड़ी क्षेत्रों में लगे थे उन्हें मेला क्षेत्र से मुक्त नहीं किया जाएगा। इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त रविंद्र पुरी महाराज ने सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी बडऩगर रोड पर देर तक चर्चा की।
इस दौरान नवीन मास्टर प्लान 2035 के प्रारंभिक प्रकाशन पर भोपाल में आपत्ति करने पर भी विस्तार से चर्चा की। वहीं अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कलेक्टर आशीष सिंह को स्पष्ट किया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सिंहस्थ क्षेत्र के एक भी हिस्से को नवीन मास्टर प्लान 2035 से मुक्त करने के पक्ष में नहीं हैं। इसको लेकर वह एक और जहां भोपाल में आपत्ति दर्ज कराएंगे वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रधानमंत्री से भी चर्चा करेंगे। चर्चा के दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को अवगत कराया कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अतिक्रमण को लेकर भी प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है जो क्षेत्र अतिक्रमण से चिन्हित किए गए हैं उनके अतिक्रमण भी शीघ्र हटा दिए जाएंगे। निरंजनी अखाड़ा पहुंचे कलेक्टर आशीष सिंह ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पूरी महाराज का स्वागत किया, वहीं अखाड़े की ओर से कलेक्टर को शाल श्रीफल भेंट किया गया। इस दौरान जूना अखाड़ा नीलगंगा के थानापति महंत देव गिरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के स्थानीय प्रबंधक गोविंद सोलंकी मौजूद थे।
महाकाल के गर्भगृह में साधु संतों को मिलेगा नि:शुल्क प्रवेश
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने चर्चा में कलेक्टर को बताया कि सभी अखाड़ों के साधु संतों ने उन्हें समस्या बताई कि महाकाल मंदिर में साधु संतों को प्रवेश में परेशानी अती है तथा उनसे शुल्क लिया जाता है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि यह समस्या समाप्त होनी चाहिए, इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को निर्देश दिए कि आज से नियम लागू करें, और अखाड़ों के साधु संतों को बिना शुल्क के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश दिया जाए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष कल गंगा घाट स्थित मौनी बाबा के समाधि स्थल पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने संत सुमन भाई से चर्चा की।
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