उज्जैन। मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और उसकी तपन बढ़ती है तथा हर सौ वर्ष में यह तिथि एक दिन आगे बढ़ जाती है। यही कारण है कि अब जनवरी की जगह 15 जनवरी को संक्रांति आ रही है तथा अगले सौ सालों तक यही परम्परा रहेगी लेकिन लोगों को 14 जनवरी की आदत पड़ी हुई है। हालांकि शासकीय अवकाश नहीं है और बैंकों की छुट्टी भी नहीं है तथा कई स्कूलों ने भी अवकाश घोषित नहीं किया है लेकिन फिर भी जो परिवार मकर संक्रांति को बड़ा पर्व मानते हैं तथा आज और कल घरों में मकर संक्रांति मनेगी। उल्लेखनीय है कि ज्योतिषमत के मुताबिक मकर संक्रांति कल 15 जनवरी को मानी गई है। इसी दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होना है। कल ही मकर संक्रांति के स्नान और दान पुण्य का महत्व बताया जा रहा है, परंतु वर्षों से शहरवासियों को 14 जनवरी को संक्रांति मनाने की आदत पड़ी हुई है। यही कारण है कि ज्योतिष मत से एक दिन पहले आज सुबह से ही शहर की छतों पर लाउडस्पीकर बजते गानों के साथ लोग पतंगबाजी कर रहे हैं। कल रात तोपखाना सहित अन्य पतंग बाजारों में डोर पतंग खरीदने वालों की देर रात तक भीड़ उमड़ रही थी और आज सुबह से पतंगें उड़ाई जा रही है।
महाकाल में कल मनेगी संक्रांति, शिप्रा स्नान भी होगा
महाकाल में कल 15 जनवरी की सुबह भस्मारती के दौरान भगवान को तिल का उबटन लगाया जाएगा तथा भोग में तिल से बने पकवान चढ़ाए जाएंगे। इसी दिन शिप्रा तट पर मकर संक्रांति पर्व का स्नान भी होगा। इधर सांदीपनि आश्रम में पर्व की शुरूआत आज सुबह से हो गई। पुजारी पं. रुपम व्यास के मुताबिक आश्रम में यह उत्सव दो दिन मनेगा। यहाँ आज सुबह भगवान श्रीकृष्ण को तिलयुक्त जल से स्नान कराया गया तथा तिल के पकवानों का भोग लगाया गया। कल भी यहाँ संक्रांति मनेगी। इधर रामघाट क्षेत्र में जिला प्रशासन ने कल शाम तक स्नान के दौरान सुरक्षा रहे इस हेतु गहरे पानी के आगे लोहे की रैलिंग लगवाई है। कल लाखों लोग रामघाट पर मकर संक्रांति का स्नान करने आएंगे।
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