इंदौर। महापौर (mayor) पद के लिए 19 प्रत्याशी चुनाव (election) मैदान में हैं, तो 85 पार्षद पदों के लिए 341 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। अभी 3 जुलाई तक इन उम्मीदवारों ने अपने चुनावी खर्च (spent) का लेखा-जोखा प्रशासन को प्रस्तुत किया है, जिसमें कांग्रेस (congress) के महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला ने सर्वाधिक लगभग 8 लाख रुपए खर्च करने की जानकारी दी, तो उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा (BJP) के प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव ने साढ़े 4 लाख रुपए का खर्चा बताया है। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कमल गुप्ता ने भी लगभग पौने 4 लाख के खर्च का हिसाब-किताब दिया है। अधिकांश पार्षद पद के उम्मीदवारों ने भी खर्च का ब्यौरा दिया। वहीं 6 पार्षदों का हिसाब किताब ना आने पर उन्हें नोटिस थमाए गए हैं।
यह पहला मौका है जब महापौर के साथ पार्षद प्रत्याशियों को भी चुनावी खर्च का ब्यौरा देना पड़ रहा है। इंदौर में महापौर का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार चुनाव आयोग ने अधिकतम खर्च की सीमा 35 लाख रुपए तय की है, वहीं पार्षद पद के लिए यह खर्च की सीमा पौने 9 लाख रुपए तय है। हालांकि हर चुनाव की तरह इस निगम चुनाव में भी सभी उम्मीदवार तय की गई खर्च सीमा तक का भी अधिकृत खर्चा नहीं बताते हैं। कांग्रेस के संजय शुक्ला ने 7 लाख 97 हजार 864 रुपए खर्च करना बताए, तो भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव ने 4 लाख 54 हजार 865 का हिसाब दिया है। आप पार्टी के कमल गुप्ता ने 367310 खर्च करना बताए, तो बसपा की श्रीमती लीला बाई ने 2 लाख 13 हजार 330, तो इसी तरह जनसंघ पार्टी के प्रवीण अजमेरा ने 1 लाख 12 हजार, निर्दलीय परमानंद तोलानी ने 25 हजार, प्रकाश महावर कोहली ने 17 हजार 50, तो इसी तरह अन्य महापौर उम्मीदवारों ने मामूली खर्च का ब्यौरा दिया है।
कलेक्टर ने प्रत्याशियों के खर्च खर्च का ब्यौरा लेने का जिम्मा अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा को सौंपा है। श्री शर्मा के मुताबिक 3 जुलाई तक के खर्च का ब्यौरा अभी उम्मीदवारों द्वारा दिया गया है। हालांकि आयोग के निर्देशानुसार मतगणना होने के बाद 30 दिनों के भीतर अंतिम हिसाब-किताब इन उम्मीदवारों को देना पड़ेगा। अभी 3 चरणों में हिसाब मांगा गया था, जो अधिकांश प्रत्याशियों का प्राप्त हो गया है। पार्षद पद के लिए 341 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 6 को छोडक़र अन्य सभी ने 3 जुलाई तक का हिसाब-किताब दिया है। वहीं जिन आधा दर्जन पार्षदों का नाम नहीं आया, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। दूसरी तरफ स्टार प्रचारकों का चूंकि कोई प्रावधान स्थानीय निकाय में नीं है, लिहाजा इनके खर्च को भी उम्मीदवारों के खाते में ही जोड़ा गया है। पिछले दिनों चुनाव प्रचार के सिलसिले में मुख्यमंत्री दो दफा इंदौर आए और ब्रिलियंट कन्वेंशन में प्रबुद्ध वर्ग के साथ उन्हें संवाद भी किया। इसका भी लगभग पौने 2 लाख रुपए का खर्चा उम्मीदवार के खाते में जोड़ा गया है। हालांकि अघोषित खर्च इससे कई गुना अधिक उम्मीदवार करते हैं, लेकिन घोषित खर्चा बहुत कम बताते हैं।
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