सांगली: ‘चुनाव आयोग (election Commission) कहता है कि शिवसेना उनकी है…शिवसेना (Shiv Sena) तुम्हारे बाप की है क्या …’ यह वाक्य कहते हुए संजय राउत (Sanjay Raut) ने केंद्रीय चुनाव आयोग के लिए सीधे-सीधे गाली का इस्तेमाल किया है. ऐसी गाली, जिसे यहां नहीं लिखा जा सकता. आज (3 मार्च, शुक्रवार) सांगली में ठाकरे गुट की एक सभा में संजय राउत ने यह कह कर अपनी गालियों का सिलसिला कायम (series continues) रखा है और अपने आप को और भी ज्यादा मुश्किलों में फंसा लिया है. इसके बाद जब एक पत्रकार ने उन्हें सचेत किया कि उनकी EC पर यह टिप्पणी गाली समेत तेजी से वायरल हो रही है.
लेकिन राउत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा उल्टा उन्होंने कहा, ‘होने दो ना वायरल. कोई मैं अकेला गाली नहीं दे रहा. पूरा महाराष्ट्र चुनाव आयोग को गाली दे रहा है.’ कल ही संजय राउत ने विधानमंडल को चोरों की मंडली कह दिया था. इसके बाद विधानसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाते हुए इस पर कार्रवाई करने के लिए संजय राउत को नोटिस भेजा गया है. संजय राउत को इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया है. कल महाविकास आघाड़ी की अहम बैठक में शरद पवार ने संजय राउत द्वारा विधानमंडल पर दिए गए इस बयान को लेकर नाराजगी जताई. लेकिन संजय राउत ने इससे सबक ना लेकर आज फिर वही गाली-गलौज की गलती दोहराई.
संजय राउत के चुनाव आयोग पर दिए गए इस विवादास्पद बयान का मुद्दा बीजेपी विधायक आशिष शेलार ने आज विधानसभा में भी उठाया. उन्होंने कहा कि संजय राउत लगातार इस तरह के बयान देकर जनता की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. इसके जवाब में एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि वे संजय राउत के बयान का समर्थन नहीं कर रहे लेकिन सदन के अंदर के मुद्दे पर बात की जाए, कौन बाहर क्या बोल रहा है, इस पर चर्चा से बचा जाए. साथ ही छगन भुजबल ने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट पर कोई सवाल नहीं है तो आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुधार करने का निर्देश दे दिया है, यह भी विचार करने की जरूरत है.
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने विधानसभा में संजय राउत के स्तर पर आते हुए यह कहा कि 2019 से एक आवारा कुत्ता रोज सुबह 9 बजे पूरे महाराष्ट्र को परेशान कर रहा है. इसके बाद एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि संजय राउत का दिमाग फिर गया है. उनका जल्द से जल्द मेंटल हॉस्पिटल में इलाज होना जरूरी है. उनकी सही जगह जेल या पागलखाना है. वे जिस तरह की गाली-गलौज की जबान का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो मीडिया दिखा नहीं रहा है, सुना नहीं रहा है. बल्कि मीडिया को वह लोगों को दिखाना चाहिए ताकि जनता को उनका स्तर समझ आए.
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