नई दिल्ली: ‘ईडी और सीबीआई के खौफ से मायावती ठंडी पड़ गई हैं, ऐसी अफवाहें जोरों पर हैं. अखिलेश यादव को भी तीन साल ऐसे ही तनाव में रखा. आज वह बाहर आ गए हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Election) में बीजेपी की हार तय दिख रही है. महाराष्ट्र में भी केंद्रीय जांच एजेंसियों के विरोध में ऐसा ही धमाका होगा, तब बीजेपी क्या करेगी?’ यह लिखा है शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में आज संजय राउत ने अपने आर्टिकल ‘रोखठोक’ में बीजेपी पर हमला बेरोकटोक जारी रखा है. उन्होंने लिखा है, ‘ बीजेपी नेता अपने प्रचार दौरे के दौरान यह कहते चल रहे हैं कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री थे तब उनके साथ आजम खान, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी नजर आते थे. लेकिन अब योगी के राज में आपने उन्हें देखा क्या? लेकिन उसी बीजेपी ने गोवा में ऐसे लोगों को उम्मीदवारी (Goa Assembly Election 2022) दी जिनसे आजम खान, मुख्तार अंसारी पीछे रह जाएंगे.’
संजय राउत ने गोवा की राजधानी पणजी में बाबुश मोन्सेरात को बीजेपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाया है. बाबुश मोन्सेरात को उम्मीदवार बनाए जाने की वजह से बीजेपी ने दिवंगत बीजेपी नेता और पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट नहीं दिया. अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. शिवसेना उनका समर्थन कर रही है. संजय राउत अपने लेख में दावा करते हैं कि बीजेपी के उम्मीदवार बाबुश मोन्सेरात पर बलात्कार समेत सभी अपराधों की डिग्रियां हैं.
‘उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगे’
संजय राउत ने अपने स्तंभ में लिखा है, ‘ केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर से नेता घर पर बैठेंगे, लेकिन आपके (बीजेपी) खिलाफ जनता में जो गुस्सा है, उसे कैसे रोकेंगे? उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. साल 2024 में महाराष्ट्र में भी यही तस्वीर देखने को मिलेगी. ईडी, सीबीआई के जरिए बदले की कार्रवाई बीजेपी को जीत नहीं दिला पाएगी. गोवा में बीजेपी फिर नहीं आएगी और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव का विजय रथ आगे बढ़ रहा है. रॉ और सीबीआई इंदिरा गांधी को हार से नहीं बचा सकी थीं.’
‘ईडी सीबीआई के इस्तेमाल से मोदी और शाह की छवि पर सवाल’
इसके बाद महाराष्ट्र में जांच एजेंसियों की सक्रियता पर संजय राउत लिखते हैं, ‘बीजेपी के किरीट सोमैया तो सीधे-सीधे ब्लैकमेल करते हैं. ईडी कल किसके घर पहुंचेगी. वे पहले से घोषणा करते हैं. उसी के मुताबिक ईडी की कार्रवाई होती है. ऐसा होने से मोदी और शाह की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं. यह तय है कि साल 2024 में वर्तमान सरकार नहीं आएगी. उत्तर प्रदेश के परिणाम में यह स्पष्ट हो जाएगा. राम, कृष्ण भी बूढ़े हो गए. राम और कृष्ण आए-गए. वहां आज के शासकों का क्या? दिखता इतना ही है. वर्तमान में नैतिकता और प्रतिष्ठा के ठूंठ गंगा में प्रवाहित होकर बहते जा रहे हैं. बदले का प्रवाह और आधारहीन राजनीति से महाराष्ट्र को भी निकालना ही होगा.’
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