नई दिल्ली। कांग्रेस से निकाले गए संजय झा के बयान पर कांग्रेस आलाकमान की प्रतिक्रिया आ गई है। आलाकमान का कहना है कि ऐसी कोई चिट्ठी नहीं है और न ही ऐसी कोई चिट्ठी मिली है। संजय झा कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं और वे फेसबुक-बीजेपी लिंक केस से पर्दा हटाने के लिए भाजपा के दिशा-निर्देश पर ट्वीट कर रहे हैं।
इससे पहले संजय झा ने कहा था, ‘करीब 100 कांग्रेस नेता (सांसद समेत) राज्य की स्थिति से व्यथित हैं। इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखा है, जिसमें राजनीतिक नेतृत्व बदलाव और कांग्रेस वर्किंग कमेटी में पारदर्शी चुनाव की मांग की गई है।
कुछ दिन पहले संजय झा ने ट्वीट के जरिए सुझाव दिया था कि राजस्थान में सचिन पायलट को सीएम बना देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि तीन बार सीएम रह चुके अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए ऐसे राज्यों की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए जहां कांग्रेस कमजोर है। साथ ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के लिए नया अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए।
पायलट को सीएम बनाने के सुझाव के बाद संजय झा को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के लिए तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। इस बाबत महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्र जारी कर दिया था। इससे पहले जून में उनको AICC प्रवक्ता के पद से भी हटाया गया था। जून में संजय झा को राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटाया गया था। उस वक्त संजय झा ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है।
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