कल संघवी के साथ अंतरसिंह दरबार के भी भाजपा में जाने की तैयारी
इंदौर। जब से जीतू पटवारी (Jitu Patwari) प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से एक बार भी वे मुझसे मिलने नहीं आए। ऐसे व्यक्ति के साथ मैं काम नहीं कर सकता। इसलिए कांग्रेस छोडक़र भाजपा में जा रहा हूं। यह बात कांग्रेस के दिग्गज नेता पंकज संघवी ने कही।
इंदौर के नेताओं का कांग्रेस छोडक़र भाजपा में जाने का मुख्य कारण प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी बनते जा रहे हैं। पंकज संघवी उन वरिष्ठ नेताओं में से हैं,जो तबसे राजनीति में हैं जब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (State President Jitu Patwari) सामान्य कार्यकर्ता थे। अब पटवारी के नेतृत्व में काम करना ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं हो पा रहा है। यही हाल महू से कांग्रेस के दिग्गज नेता अंतरसिंह दरबार (Antarsingh Darbar) का भी हैं। अंतरसिंह दरबार भी महू के नेता हैं, जिनका इलाका जीतू पटवारी के इलाके से सटा है। पटवारी विरोधी यह भावना कल तब साफ नजर आई, जब पंकज संघवी से उनके भाजपा प्रवेश के बारे में पूछा गया। पंकज संघवी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं उनके साथ काम नहीं कर सकता। वे जब से अध्यक्ष बने हैं आज तक उन्होंने मुझसे सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव की अपनी टीस निकालते हुए कहा कि जब वे सांसद का चुनाव शंकर लालवानी के खिलाफ लड़ रहे थे तो पटवारी अपनी विधानसभा तक को छोडक़र हेलिकॉप्टर में घूम रहे थे, जबकि वे प्रदेश सरकार में मंत्री थे और उनकी जिम्मेदारी थी कि वे चुनाव में सहयोग करते, लेकिन उन्होंने स्वयं का कद बढ़ाने का काम किया। ऐसे में वे जीतू का साथ कैसे निभाएंगे? वैसे भी भाजपा की रीति-नीतियां देश और प्रदेश के लिए उत्थान वाली है, जबकि कांग्रेस का कोई पालनहार नहीं रहा है। इसलिए वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं। संघवी के साथ महू के कद्दावर नेता अंतरसिंह दरबार भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। दरबार का भी यही संकट है कि कांग्रेस उन्हें बगावत के चलते निष्कासित कर चुकी है और दोबारा कांग्रेस में प्रवेश की कोशिशों के बजाय उनके लिए भाजपा में प्रवेश का रास्ता ज्यादा आसान था। दोनों ही नेता कई दिनों से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे।
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