इंदौर। कांग्रेस से भाजपा में जाकर वापस कांग्रेसी हो गए प्रमोद टंडन के धार्मिक आयोजन में संघ के प्रांत प्रचारक बलिराम पटेल, प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय है। राऊ के विधायक मधु वर्मा आयोजन में शामिल नहीं हुए और उनके समर्थकों ने भी दूरी बनाकर रखी। कार्यक्रम में 25 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।
इंद्रपुरी के शिव मंदिर में पिछले 40 साल से हनुमान जयंती के मौके पर महाप्रसादी के रूप में भंडारे का आयोजन किया जाता है। सालों की इसकी कमान प्रमोद टंडन ने संभाल रखी है। पिछले साल जब यह आयोजन हुआ था, तब टंडन में भाजपा में थे और मधु वर्मा भी आयोजन में भागीदार बने थे। उनके समर्थकों ने व्यवस्था में सहयोग भी किया था। विधानसभा चुनाव के पहले टंडन भाजपा छोडक़र फिर कांग्रेस में शामिल हो गए और चुनाव के दौरान वर्मा की जमकर खिलाफत की।
उन पर वर्मा समर्थक कुछ नेताओं को धमकाने का आरोप भी लगा। तभी से दोनों के बीच दूरी बढ़ गई। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने दोनों के बीच समन्वय का प्रयास भी किया, लेकिन बात नहीं बनी। मंगलवार को हुए हनुमान जयंती के आयोजन में संघ के प्रांत प्रचारक बलिराम पटेल और प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे करीब एक घंटे मौजूद रहे। देर रात मंत्री विजयवर्गीय भी वहां पहुंचे और आधा घंटा वहां रहे। विधायक वर्मा की पत्नी तरुणा वर्मा भी महाआरती के दौरान मंदिर में मौजूद रहीं। कांग्रेस और भाजपा के अनेक नेता भंडारे में शामिल होने के लिए पहुंचे।
राजनीति से संन्यास की राह पर टंडन
टंडन इन दिनों राजनीति से संन्यास की राह पर हैं। अपने सहयोगियों और मित्रों को वे इसका संकेत भी दे चुके हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद वे इसकी अधिकृत तौर पर घोषणा कर देंगे। कल के आयोजन में पटेल और नवाथे की मौजूदगी से यह संकेत भी मिला है कि टंडन अब संघ और हिंदुत्व के लिए कार्य करेंगे।
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