भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) का देशभर में विस्तार हो रहा है। साथ ही संघ को स्वयं सेवकों की आचरण की चिंता भी सताने लगी है। संघ की यह चिंता सरकार्यवाही दत्तात्रेय होसबोले की बैठक में नजर आई। जब होसबोले ने स्वयंसेवकों को नसीहत दी है कि समाज में स्वयंसेवक के आचरण और चाल-चलन से ही उसकी पहचान बनती है। साथ ही स्वयंसेवक अपने कार्य के प्रति जिद्दी है और समाज के कष्ट को देखकर वह तुरंत ही सक्रिय होता है।
होसबोले ने स्वयंसेवकों से कहा कि बनो और बनाओ। एक अच्छा स्वयं सेवक हमेशा स्वदेशी के बारे में सदैव आग्रही रहता है। कौशल विकास के बारे में उन्होंने कहा कि सीखना जारी रखें और वातावरण को अपने अनुकूल बनाएं। होसबोले इन दिनों मप्र के चार दिवसीय प्रवास पर हैं। उन्होंने राजधानी में बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। गुरुवार को उन्होंने 18 भाषाओं के लोगों से भी विचारों को लेकर बात की। साथ ही संघ की गतिविधियां बताईं। ठेंगड़ी भवन में विभिन्न प्रांतों के भाषाई समूहों से उन्होंने मुलाकात की।
तीसरी लहर के लिए तैयार रहें
स्वयंसेवकों की बैठक में होसबोले ने कहा कि जैसे दूसरी लहर के समय कार्यकर्ता लोगों की मदद में जुटे, वैसे ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहें। संकट आने पर डरना नहीं है। कोरोना कि इस महामारी में भी हमारे समाज ने उसी अनुरूप कार्य किया। स्वयंसेवकों को समाज के साथ रहकर उनकी मदद करनी है।
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