इन्दौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुप्रीमो मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh Mohan Bhagwat) दो दिन के लिए इंदौर (indore) आ रहे हैं। कोरोना को देखते हुए उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम (public program) नहीं रखा गया है। वे समाज के वरिष्ठ और प्रबुद्धजनों से मुलाकात करेंगे, लेकिन राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो भागवत की ये यात्रा कईमायनों में अहम है।
वर्तमान में जिस तरह से भाजपा संगठन (BJP Organisations) में आमूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है, उससे अब मध्यप्रदेश में भी और कई प्रकार के परिवर्तन करने की संभावना नजर आ रही है। फिलहाल तो संघ ने उन संभागीय संगठन मंत्रियों को वापस बुला लिया, जो संगठन और सत्ता के बीच समन्वय के साथ-साथ कार्यकर्ताओं (Workers) की सुनते थे। हालांकि कई संगठन मंत्रियों पर आरोप भी लगे हैं कि उन्होंने केवल नेताओं के लिए काम किया और सत्ता के लालच में संगठन के काम से दूर हो गए। इसके स्थान पर अब नई व्यवस्था लागू की जाना है। संभवत: इस नई व्यवस्था पर इंदौर में चर्चा की जा सकती है। नई व्यवस्था में संघ के कार्यों की दृष्टि से भाजपा में तीन संगठन मंत्रियों की नियुक्ति किए जाने की संभावना है। संघ की ओर से केवल भागवत के इंदौर में दो दिन रहने का कार्यक्रम ही जारी किया गया है, लेकिन इन दो दिनों में प्रदेश के सभी संघ पदाधिकारी भी भागवत के साथ बैठक कर सकते हैं। बैठक के स्थान गोपनीय रखे गए हैं। अभी जो कार्यक्रम आया है, उसके अनुसार संघ सुप्रीमो भागवत 21 व 22 सितंबर को इंदौर में रहेंगे। इस दौरान उनका कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है। संघ की ओर से बताया गया कि इस दौरान कोई बैठक भी आयोजित नहीं होगी। वे केवल समाज के वरिष्ठ और प्रबुद्धजनों से संपर्क करेंगे। इसके साथ ही शिक्षाविदों के साथ भी वे मुलाकात करेंगे और समाज में जिन युवाओं ने अपने बल पर उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है, ऐसे युवाओं से भी मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। चूंकि प्रदेश में दो साल बाद विधानसभा चुनाव (assembly elections) है, उसको लेकर भी संगठन का ढांचा कितना मजबूत है, इसको लेकर बात हो सकती है।
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