भोपाल: सरकार की रेत माफियाओं पर कार्रवाई (Government’s action against sand mafia) के चलते रेत व्यापारियों का व्यापार पिछले आठ दिनों से बंद पड़ा (Sand traders’ business closed) है. आठ दिन पहले सरकार ने खदाने बंद की जिसके कारण रेत बाजार में नहीं आ रही और शहर में रेत की हुई किल्लत से काम बंद पड़े हैं. अब इससे अन्य व्यापारी परेशान हो रहे हैं. रेत व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि खदानों पर खड़ी खाली गाड़ियों को भी जब्त तक कर थाने में खड़ी कर दी गई है. यहां तक नियम के अनुसार 30 घन मीटर माल भरा होने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई कर उन्हें थाने पर खड़ी कर दी गई है.
रेत कारोबारी आशीष ने आरोप लगाया कि लगभग 200 के करीब गाड़ियां देवास और सीहोर जिले में थानों पर खड़ी है. मनमाने तरीके से दंडितकिया जा रहा है. सरकार मोटर मालिकों की सुनवाई नहीं कर रही है. रेत व्यापारियों की यही पीड़ा है कि सवा लाख रुपये महीने की गाड़ी किस्त जमा करते हैं और जब रेत का व्यापार बंद पड़ा है तो यह किस्त कहां से भरी जाएगी? एक अन्य व्यापारी मुकेश वर्मा ने कहा कि बारिश लगते ही 4 महीने के लिए व्यापार बंद हो जाएगा. उस पर सरकार की मनमानी इस तरह बढ़ गई है की रेत व्यापारी व्यापार करे तो कैसे करें? 2000 गाड़ियां बंद हो जाने के कारण 8 से 10 हजार लोगों के परिवार पर असर पड़ेगा,जिसमें हेल्पर ड्राइवर सम्मिलित हैं.
मध्य प्रदेश के अधिक से अधिक जिले बंद पड़े हैं. जिसमें इंदौर, देवास, धार, उज्जैन, हरदा, भोपाल, होशंगाबाद, राजगढ़, विदिशा, बैतूल, और बड़वाह इन 11 जिलों में नेमावर रेत खदान से रेत उपलब्ध होती है. पर वही बंद होने के कारण इन 11 जिलों का रेत का व्यापार बंद पड़ा है. रेत व्यापारी एसोसिएशन ने सरकार से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द खदान को चालू किया जाए, नहीं तो रेत व्यापारी ड्राइवर क्लीनर के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे.
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