- हर जिले में रेत के भंडारण पर ड्रोन से निगाह रखने के साथ अवैध परिवहन पर भी कलेक्टरों को सख्ती बरतने के दिए निर्देश
उज्जैन। प्रदेश की नदियों से निकलने वाली रेत अब और महंगी हो जाएगी। हर साल मानसून को ध्यान में रखते हुए इसके खनन पर रोक लगा दी जाती हैं। इसमें शिप्रा नदी से निकलने वाली रेत भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में मानसून ऋतु की अवधि 15 जून से 1 अक्टूबर निर्धारित की है। इस दौरान उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में रेत खनन पर लगी रोक के चलते अब रेत की आवक में जहाँ कमी होगी, वहीं उसके भाव भी बढ़ जाएँगे। उज्जैन रेती मंडी व्यापारियों का कहना है कि रेत के दामों में वैसे ही लगातार बढ़ोतरी होती रही और अभी जो स्टोक शेष बचा हैं वह भी 10 से 15 रुपए फीट तक महँगे हो जाएँगे। वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग के अधिकारी आलोक अग्रवाल ने बताया कि शासन के आदेश के बाद उज्जैन में भी शिप्रा नदी से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया गया हैं। उन्होंने ने बताया कि जिले में संचालित रेत खदानों में नदी से 30 जून से 1 अक्टूबर 2024 तक के लिए रेत उत्खनन कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए हाल ही में आदेश जारी कर दिए गए हैं। शासन के इस आदेश के बाद अब उज्जैन जिले भर में रेत खनन पूर्णत: प्रतिबंधित होगा, वहीं इस काम से जुटे ठेकेदार भंडारित रेत को महंगे दामों में बेचेंगे।
मानसून को देखते हुए लिया निर्णय
हर साल की तरह इस बार भी शासन द्वारा सभी कलेक्टरों को कहा है कि वे जिले में स्वीकृत भंडारण, लाइसेंस स्थलों का ड्रोन के जरिए 7 जुलाई तक परीक्षण करवा लें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जितने भंडारण की अनुमति ली गई है। वास्तविक रूप में उतना ही रेत का भंडारण किया गया है। अगर उससे अधिक रेत का भंडारण मिलता है तो फिर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। अब मानसून के सीजन में रेत की कमी के साथ अधिक दाम चुकाना पड़ेंगे, जिससे चल रहे निर्माण लागत में भी वृद्धि होगी।