नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय दवा कंपनी के आई ड्रॉप (eye drop) को लेकर अमेरिका में हड़कंप मच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके इस्तेमाल से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 8 को अपनी रोशनी गंवानी पड़ी। यूएस (US) के टॉप मेडिकल वाचडॉग (watchdog) ने इस ड्रॉप में दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया होने की संभावना जताई है, लेकिन ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की आई ड्रॉप एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स भारत में स्वास्थ्य मानकों पर खरा उतरा है! स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, आर्टिफिशियल टियर्स के लिए गए सैंपल्स के परिणाम में पाया गया कि ये स्टैंडर्ड(प्रमाणित) क्वालिटी के हैं “! सीडीएससीओ और तमिलनाडु ड्रग रेगुलेटर ने कंट्रोल्ड सैंपल्स और आर्टिफिशियल टियर्स बनाने में इस्तेमाल किए गए कच्चे सामान के सैंपल्स लिये थे. ये सैंपल इस साल फरवरी माह में लिए गए थे. इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का हवाला देते हुए यह जानकारी दी थी कि इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से तीन लोगों की मौत, आठ लोगों में अंधापान और दर्जनों संक्रमण के मामले अब तक सामने आ चुके हैं।
अमेरिका में भारतीय दवा कंपनी की इस आई ड्रॉप को लेकर कई खबरें सुनने को मिल रही हैं. कहा जा रहा है कि इसके इस्तेमाल से कुछ लोगों की जान भी चली गई है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) अमेरिका का ड्रग रेगुलेटर नहीं, फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) है!
यूएसएफडीए ने अब तक कुछ नहीं कहा है, तो सीडीसी के हवाले से आ रही खबर के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस खबर पर उनकी प्रतिक्रिया को लेकर लिखा है कि आपका क्या मानना है? डीसीजीआई को यूएसएफडीए के जवाब का इंतजार है। जब Artificial Tears को लेकर दो महीने पहले खबर आई, तब से यूएसएफडीए ने ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के किसी भी प्रोडक्ट को अब तक प्रतिबंधित नहीं किया है। साथ ही, यूएसएफडीए ने अब तक आर्टिफिशियल टीयर्स प्रोडक्ट को लेकर कुछ नहीं कहा है. अब सीडीसी के हवाले से आ रही खबर के बाद फिर से डीसीजीआई ने अमेरिका की एफडीए से संपर्क साधा है।
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