मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक(Nawab Malik, Minister in Maharashtra Government) ने अब एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (NCB Zonal Director Sameer Wankhede) के जन्म प्रमाण पत्र पर सवाल (question on birth certificate) उठाया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी Nationalist Congress Party (NCP) के नेता नवाब मलिक(Nawab Malik) ने सोमवार को ट्विटर पर एनसीबी अधिकारी के जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति पोस्ट की, जिसमें उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े बताया गया है.
नवाब मलिक(Nawab Malik) ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede)ने अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के तहत भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में नौकरी हासिल करने के लिए ‘जाली’ दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. आईआरएस अधिकारी वानखेड़े, पिछले साल एनसीबी से जुड़े थे. इस महीने की शुरुआत में उनके अटैचमेंट को छह महीने और बढ़ा दिया गया था.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब नवाब मलिक और समीर वानखेड़े के बीच जुबानी जंग हुई हो. पिछले कई दिनों से यह जुबानी जंग जारी है. दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं.
9 अक्टूबर, 2021
नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि 2 अक्टूबर की छापेमारी के बाद एनसीबी ने कुछ लोगों को छोड़ दिया. उन्होंने यह भी दावा किया कि एनसीबी द्वारा छोड़े गए व्यक्तियों में से एक भाजपा नेता मोहित कंबोज का रिश्तेदार था. मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र और केंद्र के शीर्ष भाजपा नेताओं ने इस व्यक्ति की रिहाई सुनिश्चित करने में मदद की.
नवाब मलिक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए, एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने मीडिया से कहा, “एनसीबी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार और पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. इस तरह के बयान अनुमानों और धारणाओं पर आधारित हैं जो प्रस्तुत दस्तावेजों और रिकॉर्ड को देखते हुए तुच्छ और दुर्भावनापूर्ण हैं.”
12 अक्टूबर 2021
समीर वानखेड़े का दावा है कि महाराष्ट्र पुलिस के जवान उनका पीछा कर रहे हैं. एनसीबी ने तब वानखेड़े के निजी सुरक्षा कवच को मजबूत करने का फैसला किया और यहां तक कि उन्हें एक अधिक सुरक्षित वाहन भी मुहैया कराया.
14 अक्टूबर 2021
अपने दामाद समीर खान के जमानत आदेश का हवाला देते हुए, मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया कि एनसीबी ने 200 किलोग्राम हर्बल टोबैको (तंबाकू) को “भांग” (गांजा) के रूप में पारित करने की कोशिश की. एनसीपी नेता ने एनसीबी की सीज की गई चीजों की तस्वीरें भी पेश कीं, जिसमें आरोप लगाया गया कि तस्वीरें वानखेड़े के कार्यालय के अंदर ली गई थीं.
मलिक ने कहा कि मेरे दामाद समीर खान के कार्यालय में की गई छापेमारी में ड्रग प्रवर्तन एजेंसी को कुछ भी नहीं मिला.
समीर वानखेड़े ने आरोप का जवाब देते हुए कहा, “हम (समीर खान को दी गई) जमानत के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.”
16 अक्टूबर 2021
नवाब मलिक ने एक अन्य स्वतंत्र गवाह फ्लेचर पटेल की भूमिका पर सवाल उठा दिया, जिसे एनसीबी ने कम से कम तीन मामलों में ‘पंच’ (गवाह) के रूप में सूचीबद्ध किया है.
महाराष्ट्र के मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए पटेल, एक पूर्व सेना अधिकारी और एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की बहन यासमीन वानखेड़े के बीच संबंधों को उजागर किया. एक तस्वीर में, फ्लेचर पटेल की ओर से यासमीन वानखेड़े को “लेडी डॉन” कहा गया.
आरोपों का जवाब देते हुए, यासमीन वानखेड़े ने नवाब मलिक के इरादों पर सवाल उठाया और यहां तक कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी.
21 अक्टूबर 2021
नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर ‘जबरन वसूली’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह आईआरएस अधिकारी उस समय मालदीव में था, जिस समय बॉलीवुड की कई हस्तियां वहां छुट्टियां मना रही थीं. एनसीपी नेता ने समीर और यासमीन वानखेड़े की मालदीव में क्लिक की गई कई तस्वीरें भी साझा कीं.
जवाब में समीर वानखेड़े ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ मालदीव में थे. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने इसके लिए विभाग (एनसीबी) से अनुमति मांगी थी.
24 अक्टूबर 2021
क्रूज शिप ड्रग भंडाफोड़ में एनसीबी के एक स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सेल ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े आर्यन खान की रिहाई के बदले 25 करोड़ रुपये की मांग करने के लिए बोली का हिस्सा थे.
वानखेड़े ने स्पष्ट रूप से इन आरोपों का खंडन किया. हालांकि, एनसीबी ने प्रभाकर सेल के हलफनामे पर ध्यान दिया और मामले में एजेंसी के सतर्कता विभाग द्वारा जांच शुरू करवा दी.
25 अक्टूबर, 2021
और अब नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति साझा करने के लिए ट्विटर के जरिए आरोप लगाया गया कि उन्होंने आईआरएस में नौकरी पाने के लिए ‘फर्जी’ दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
नांदेड़ के देगलूर से आजतक/इंडिया टुडे से बात करते हुए, नवाब मलिक ने सोमवार को कहा, “समीर दाऊद वानखेड़े एक फ्रॉड है. उनके जन्म प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की गई है. उसके पिता ने धर्म परिवर्तन किया और फिर उन्होंने अपना नाम बदल लिया. उन्होंने आईआरएस अधिकारी बनने के लिए जाली दस्तावेज बनाए और एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट को झटक लिया.”
हालांकि समीर वानखेड़े और उनके पिता ने उक्त आरोपों से इनकार किया है. आईआरएस अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा, “मैं यह व्यक्त करना चाहता हूं कि मेरे पिता ज्ञानदेव काचरूजी वानखेड़े 30 जून 2007 को राज्य आबकारी विभाग, पुणे के एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में सेवानिवृत्त हुए. मेरे पिता एक हिंदू हैं और मेरी मां, स्वर्गीय श्रीमती जाहीदा, एक मुस्लिम थीं.”
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