नई दिल्ली। टी20 वर्ल्ड कप 2021 (t20 world cup 2021) में जब पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत को हराया था तो देश में मानों शोक का माहोल था। 24 अक्टूब 2021 वह दिन था जब टीम इंडिया को पहली बार पाकिस्तान से वर्ल्ड कप में हार का सामना करना पड़ रहा था। यह हार भारतीय फैंस (Indian fans) पचा नहीं पा रहे थे क्योंकि विपक्षी टीम ने शानदार खेल दिखाकर 10 विकेट से भारत को रौंदा था। इस मैच के बाद भारतीय फैंस बड़ी बेसब्री से अगली भारत बनाम पाकिस्तान जंग का इंतजार कर रहे थे। टी20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान तो ऐसा ना हो सका क्योंकि टीम इंडिया नॉकआउट स्टेज में कदम नहीं रख पाई थी। ऐसे में जब एशिया कप का शेड्यूल का ऐलान हुआ तो फैंस ने कलेंडर पर 28 अगस्त की तारीख को मार्क कर लिया।
संयोग की बात है कि एशिया कप में भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) की जंग उसी मैदान पर हुई जहां दोनों टीमों के बीच टी20 वर्ल्ड कप का मुकाबला खेला गया था। एशिया कप की मेजबानी वैसे तो श्रीलंका को मिली थी, मगर आर्थिक और राजनेतिक संकट (political crisis) से जूझ रहे देश को देखते हुए श्रीलंकाई बोर्ड ने अपने हाथ पीछे खिंच लिए जिसके बाद यूएई को यह जिम्मेदारी मिली।
टॉस के दौरान इस बार सिक्का भारत की झोली में गिरा और कप्तान रोहित शर्मा (Captain Rohit Sharma) ने बिना झिझके गेंदबाजी चुनी। अनुभवी तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) ने शुरुआत में ही बाबर आजम के रूप में बड़ी मछली फंसाकर पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया था। दूसरे छोर से मोहम्मद रिजवान धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे और भारतीय बॉलिंग अटैक बाउंसर का इस्तेमाल कर लगातार पाकिस्तान पर प्रहार कर रहा था। भारत ने पहले 5 विकेट बाउंसर पर लिए, नतीजा यह रहा कि पाकिस्तान ने भारतीय गेंदबाजों के आगे घुटने टेक दिए और पूरी टीम 19.5 ओवर में 147 रनों पर सिमट गई।
बैटिंग में भारत के लिए असली चैलेंज था। केएल राहुल टीम में वापसी कर रहे थे तो कोहली खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। वहीं लाइन अप में ऋषभ पंत जैसा बड़ा नाम भी नहीं था। भारत की रन चेज की शुरुआत निराशाजनक रही। केएल राहुल टी20 वर्ल्ड कप 2021 के अंदाज में गोल्डन डक पर आउट हुए। मगर इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टीम को संभालने की कोशिश की। जब ऐसा लगने लगा कि टीम अच्छी स्थिति में पहुंच रही है तब एक के पीछे एक दोनों बल्लेबाज पवेलियन लौटे।
आखिरी कुछ ओवरों का रोमांच
फैंस तब हैरान हुए जब जडेजा सूर्यकुमार यादव से ऊपर नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे। हालांकि जडेजा ने 35 रन की महत्वपूर्ण पारी खेल कप्तान और टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को सही साबित किया। हार्दिक पांड्या के साथ उनकी साझेदारी अच्छी चल रही थी। भारत को आखिरी 5 ओवर में 51 रनों की दरकार थी और हर ओवर में यहां से 10 रन चाहिए थे। आखिरी दो ओवर में भी टीम इंडिया लक्ष्य से 21 ही रन दूर था।
तब हारिस राऊफ के ओवर में तीन चौके लगाकर हार्दिक पांड्या ने प्रैशर कम कर दिया। पारी का आखिरी ओवर लेकर आए मोहम्मद नवाज पर प्रेशर बहुत था क्योंकि उन्हें मात्र 7 ही रन डिफेंड करने को मिले थे। बाएं हाथ के स्पिनर को देख उत्साहित हुए जडेजा पहली गेंद पर गलती कर बैठे और विकेट गंवाकर पवेलियन लौटे। हार्दिक पांड्या इस विकेट से काफी निराश दिखे क्योंकि जडेजा के साथ उनकी साझेदार अच्छी चल रही थी। ओवर की दूसरी गेंद पर कार्तिक ने एक रन लेकर हार्दिक को स्ट्राइक दी। बैटिंग के दौरान हार्दिक काफी शांत दिख रहे थे और उन्हें खुद पर भरोसा था कि वह टीम को जीता सकते हैं। तीसरी गेंद मिस करने के बाद हार्दिक ने अगली गेंद पर लंबा छक्का लगाकर भारत को 5 विकेट से जीत दिलाई और 308 दिनों से चुभ रही हार का दर्द दूर किया। हार्दिक पांड्या को उनके ऑलराउंड परफॉर्मेंस के चलते मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।
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