नई दिल्ली। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को एक फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। इसमें देहरादून रेलवे स्टेशन पर लगा बोर्ड दिख रहा है। खास बात यह है कि देहरादून के नाम के इस बोर्ड में शहर का नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखा हुआ है, जबकि बोर्ड से उर्दू गायब है। इसके बाद रेलवे अफसरों को इस मामले पर सफाई भी देनी पड़ी। रेलवे ने साफतौर पर कहा कि संस्कृत में लिखे देहरादून के बोर्ड में संस्कृत को कोई भी इस्तेमाल नहीं हुआ है।
दिल्ली में उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि अभी देहरादून स्टेशन पर साइन बोर्डों पर संस्कृत नाम नहीं दर्ज है। पहले की तरह ही बोर्ड पर अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में स्टेशन का नाम लिखा है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर इसके संबंध में भ्रम फैलाया जा रहा है।
वहीं एक जोनल रेलवे अफसर ने कहा, ‘देहरादून में यार्ड रीमॉडलिंग का काम चल रहा था। इसलिए निर्माण करने वालों को कुछ साइनबोर्ड मिले, जिसमें गलती से शहर का नाम संस्कृत में लिखा गया था, लेकिन जब स्टेशन को काम के बाद चालू किया गया था, तो इसे ठीक कर दिया गया था और नाम अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में लिखा गया था।
SANSKRIT pic.twitter.com/6coUpaIQyF
— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 13, 2020
सोमवार सुबह यह मुद्दा तब प्रकाश में आया जब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने पहली बार ‘ईगल आई’ नाम के एक ट्विटर हैंडल द्वारा पोस्ट की गई दो तस्वीरों को रीट्वीट किया। जबकि एक तस्वीर में कथित तौर पर देहरादून का एक पुराना स्टेशन साइनबोर्ड दिखाया गया था, जिसमें नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लिखा हुआ था, एक और तस्वीर में साइनबोर्ड में संस्कृत की जगह उर्दू दिखाई गई थी। सहस्रबुद्धे ने ट्वीट में लिखा था, भारतीय रेलवे की इस महत्वपूर्ण पहल को हमारे साथ साझा करने के लिए धन्यवाद। वहीं संबित पात्रा के इस पोस्ट को 9.75 लाख से अधिक लाइक मिच चुके हैं।
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