नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (UP) के संभल (Sambhal) में हुई हिंसा (violence) के मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद (MP) जिया-उर-रहमान बर्क (Zia-ur-Rehman Burke) और स्थानीय सपा विधायक (MLA) इकबाल महमूद (Iqbal Mahmood) के बेटे सोहेल इकबाल (sohail iqbal) के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस ने 6 FIR दर्ज की हैं, इसमें बड़ा खुलासा किया गया है.
FIR में जिक्र है कि समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा. हिंसा से 2 दिन पहले सांसद बर्क प्रशासन की अनुमति के बिना जामा मस्जिद गए थे.
संभल हिंसा की FIR में आरोपी नंबर 1- जियाउर्रहमान बर्क को बनाया गया है, जबकि आरोपी नंबर 2- सुहैल इकबाल को बनाया गया है. इसके साथ ही 700- 800 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. FIR के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी सुबह 9 बजे 700 से 800 अज्ञात लोगों की भीड़ घातक हथियारों से लैस होकर जामा मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने के उद्देश्य से आ गई.
जियाउर्रहमान बर्क ने भड़काऊ बयानबाजी की
FIR में जिक्र है कि 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के दौरान बिना प्रशासन की अनुमति के भीड़ को जुटाया और भड़काऊ बयानबाजी की और राजनीतिक लाभ लेने के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया गया.
सुहैल इकबाल भीड़ से बोले- अपने मंसूबे पूरे करो
एफआईआर के मुताबिक 24 नवंबर को सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने आई भीड़ में सुहैल इकबाल मौजूद थे. सुहैल ने भीड़ को ये कहकर उकसाया कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम लोग तुम्हारे साथ हैं, कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे करो, इतना सुनकर भीड़ और उग्र हो गई.
उग्र भीड़ ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की
पुलिस ने भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन उग्र भीड़ ने नारेबाजी शुरू की और फिर पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की. इतना ही नहीं, पुलिस की गाड़ियों को तोड़ा, गाड़ियों में आग लगा दी. भीड़ में से एक शख्स ने क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की, जिसमें अनुज के पैर में गोली लगी और वो घायल हो गए.
हिंसा के बाद सियासत शुरू
बता दें कि संभल में स्थानीय लोगों ने मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे का विरोध किया था. स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर दंगा कराने का आरोप लगाया, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर रही है. भाजपा ने पलटवार करते हुए हिंसा को पूर्व नियोजित बताया और कहा कि यह उन लोगों द्वारा भड़काया गया था, जो देश में पार्टी के उदय से हैरान हैं, खासकर उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों में इसके प्रदर्शन के बाद.
संभल में हालात सामान्य
संभल में सोमवार को तनाव रहा, लेकिन शांति रही. शाही जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें सुनसान थीं, पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था और गश्त जारी थी. अधिकारियों ने बताया कि यातायात सामान्य था और कुछ दुकानें खुली थीं.
हिंसा में गई चार लोगों की जान
19 नवंबर से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे किया गया था. यह सर्वे एक याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था. रविवार को सर्वे दल ने अपना काम शुरू किया, तो मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया. हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई.
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