• जिद और जुनून का अनूठा जज्बा… मानों घर में ब्याह हो… खाना-पीना भूलकर पूरी सरकारी मशीनरी-जनप्रतिनिधि भिड़े रहे रात-दिन
इंदौर। तमाम विपदाओं और आशंकाओं के बावजूद इंदौर (Indore) की फितरत नंबर वन बने रहने की हो गई है। स्वच्छता के मामले में इंदौर को सिरमौर बनाने वाले मनीष सिंह (Manish Singh) और उनकी टीम ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया और वैक्सीनेशन (Vaccination) के मामले में भी इंदौर को नंबर वन बना दिया। जिद और जुनून का यह अनूठा जज्बा 21 जून को देखने को मिला, जब पूरा इंदौर वैक्सीनेशन (Vaccination) के महोत्सव को मनाने में जुट गया। सुबह से लेकर रात 10 बजे तक अंतिम व्यक्ति के आने तक वैक्सीनेशन (Vaccination) का काम जारी रखा। 2 लाख का लक्ष्य तय किया गया था, मगर उससे अधिक 2 लाख 22 हजार से ज्यादा को वैक्सीन (Vaccine) का डोज लगाकर इंदौर ने अपने माथे पर सफलता का एक और साफा बांध लिया। देश में कहीं पर भी एक दिन में किसी एक जिले में इतने डोज नहीं लगाए गए। ऐसा लगा मानों घर में ब्याह है और पूरी मशीनरी उसी तरह खाना-पीना छोडक़र भिड़ी है। जनप्रतिनिधि, मीडियाकर्मियों से लेकर तमाम संगठनों, समाज प्रमुखों के मिले-जुले प्रयासों से कोरोना से जंग जीतने का यह संकल्प लिया गया।
खान-पान के लिए मशहूर इंदौर अपनी उत्सवधर्मिता और सेवा के जज्बे के लिए भी देश और दुनिया में मशहूर है। जब पिछले लॉकडाउन में गरीब मजदूरों ने पैदल ही अपने गांव की ओर सफर शुरू किया तो जितने मजदूर और परिजन इंदौर बायपास से गुजरे, एक भी भूखा-प्यासा नहीं रहा। इंदौरियों ने चप्पल-जूते तक इन मजदूरों के पैरों में पहनाए और उन्हें भरपूर मान-सम्मान भी दिया। कोरोना की विभीषिका से जूझते इंदौर ने अब स्वस्थ होने का संकल्प लिया और वैक्सीनेशन (Vaccination) में भी कीर्तिमान बना दिया। कलेक्टर मनीष सिंह ने ठाना कि इंदौर की 18 साल से अधिक उम्र की शत प्रतिशत आबादी को वैक्सीन (Vaccine) लगाना है और अगले कुछ ही दिनों में यह संकल्प पूरा भी हो जाएगा। 21 जून को इंदौर में 24 ही घंटे के भीतर 2 लाख 22 हजार 813 लोगों को वैक्सीन का डोज लगाकर अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया गया। पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की पूरी मशीनरी रात-दिन इस तरह भिड़ी रही, मानों घर में ब्याह हो। इंदौर के जनप्रतिनिधियों ने भी इस अभियान में पूरा सहयोग दिया।
निगमायुक्त ने भी फिर साबित की अपनी प्रतिभा
इंदौर चार बार स्वच्छता में नंबर वन बन चुका है और अब पांचवीं बार भी दौड़ में सबसे आगे है। इंदौर नगर निगम (municipal Corporation) की पहली महिला आयुक्त प्रतिभा पाल ने वैक्सीनेशन (Vaccination) के महाभियान में भी अपनी प्रतिभा बखूबी दिखाई। निगम का पूरा अमला शहरी सेंटरों की जिम्मेदारी संभाले हुए थे और आयुक्त सुबह से रात तक मोटोरोला सेट के जरिए एक-एक सेंटर की जानकारी लेती रहीं और जहां कहीं वैक्सीनेशन की गति धीमी आई, उसे बढ़वाने के निर्देश जारी किए। शहरी क्षेत्र के सभी सेंटरों को सजाने-संवारने और आवश्यक सुविधाएं जुटाने की जिम्मेदारी भी नगर निगम ने बेहतर तरीके से अंजाम दी। ऑपरेटरों के साथ-साथ अन्य साधन-संसाधन भी उपलब्ध करवाए। सफल मैदानी अफसर की भूमिका में निगमायुक्त खरी साबित हुईं। उनका कहना है कि कोरोना से जंग वैक्सीनेशन (Vaccination) के साथ ही लड़ी और जीती जा सकती है और इंदौर के नागरिकों ने भी जबरदस्त जागरूकता का परिचय दिया है।
सर्वर डाउन हुआ, मगर ऑफलाइन चलता रहा वैक्सीनेशन
1052 वैक्सीनेशन सेंटरों पर कल सुबह डोज लगाना शुरू हुए, मगर पासवर्ड, नेटवर्क सहित अन्य तकनीकी समस्या के चलते कई स्थानों पर 11 बजे के बाद वैक्सीन (Vaccine) लगना शुरू हुई। फिर दोपहर 3 बजे के आसपास सर्वर ही डाउन हो गया, जिसके चलते शासन से अनुमति लेकर कलेक्टर ने ऑफलाइन (Offline) रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए। इसके चलते सेंटरों पर वैक्सीनेशन (Vaccination) होता रहा और कई सेंटरों पर तो रात 10 बजे तक आने वाले लोगों को अंतिम डोज लगाए जाते रहे। योजना 78 पानी की टंकी के सेंटर पर सर्वाधिक 1214 डोज लगे। पूर्व पार्षद मुन्नालाल यादव के मुताबिक ऑफलाइन भी रजिस्ट्रेशन कर डोज लगाने का सिलसिला जारी रखा गया। इंदौर की सबसे बड़ी टाउनशिप अपोलो डीबी सिटी ने भी 600 से अधिक रहवासियों और अपने वर्करों को वैक्सीन के डोज लगवाए। पूरे शहर में सुबह से लेकर रात तक वैक्सीनेशन का अभियान एक उत्सव की तरह चलता रहा और पूरी मशीनरी भी लगातार एक-एक सेंटर की रिपोर्ट लेती रही।
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