काबुल। तालिबानी (Talibani) और अशरफ गनी (Ashraf Ghani) सरकार के बीच संघर्ष के दौरान खबर आई थी कि बल्ख प्रांत की महिला गवर्नर सलीमा मजारी (Female Governor Salima Mazari) को बंधक बना लिया गया है। उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है। इसके बाद जब काबुल (Kabul) पर तालिबान का कब्जा हुआ तो दुनिया ने मान लिया कि महिला गवर्नर की मौत हो चुकी है। हालांकि, ऐसा नहीं है। टाइम मैगजीन (time magazine) की एक रिपोर्ट (Report) में दावा किया गया है कि सलीमा मजारी अभी भी जिंदा हैं और सुरक्षित हैं। वो तालिबान को चकमा दे सुरक्षित स्थान तक पहुंचने में कामयाब हो गई हैं।
तालिबान के आंख की बन गई थीं किरकिरी
सलीमा मजारी अफगानिस्तान में पहली महिला गवर्नरों में से एक रही हैं। उन्हें कुछ साल पहले ही बल्ख के चारकिंत जिले का गवर्नर चुना गया था। पिछले महीने ही जब तालिबान ने एक के बाद एक सभी प्रांतों पर धावा बोलना शुरू किया, तो सलीमा ने भागने के बजाय मुकाबला करने का फैसला किया। हालांकि, उनके जिले के तालिबान द्वारा घेरे जाने के बाद आखिरकार बल्ख को भी सरेंडर करना पड़ा। इसके बाद खबर आई कि तालिबान ने सलीमा को बंधक बना लिया है। उन्हें किस हाल में कहां रखा गया, इसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
अमेरिका में सुरक्षित हैं सलीमा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान के चंगुल से भागने में कामयाब रहीं सलीमा सुरक्षित हैं और अमेरिका में किसी अज्ञात स्थान पर हैं। टाइम मैगजीन में यह दावा अफगानी पत्रकार जकायरा और दूसरे कैनेडियन पत्रकार रॉबिन की रिपोर्ट के आधार पर किया है। जकायरा, तालिबान और अफगान सरकार के बीच जारी संघर्ष के दौरान सलीमा के संपर्क में थीं। उन्होंने ही बताया कि तालिबान के कब्जे के बाद सलीमा भागने में कामयाब रहीं थीं।
30 बार किया था तालिबान ने हमला
संघर्ष के दौरान सलीमा ने कुछ मीडिया को साक्षात्कार दिए थे। दावा है कि बल्ख प्रांत के चारकिंत जिले से लोहा ले रहीं सलीमा एक समय पर तालिबान पर भारी पड़ी थीं। चारकिंत में उनको हराने के लिए तालिबान को 30 बार हमला करना पड़ा था। हर बार तालिबान ने नए रास्ते से हमला किया और उसे शिकस्त मिली। आखिरकार, तालिबान ने बल्ख पर भी अपना कब्जा जमा लिया।
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