भोपाल। पेट्रोल-डीजल के दाम भले ही छह सप्ताह से स्थिर हैं, लेकिन पिछले पूरे साल इनके दामों में लगातार बढ़ोतरी हुई थी। देश में पहली बार पेट्रोल-डीजल के दाम 100 रुपये प्रतिलीटर के आंकड़े से ऊपर गए थे। पेट्रोल के बढ़ते दामों का असर दोपहिया वाहनों पर दिख रहा है। वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में एक लाख 6 हजार 231 दोपहिया वाहन परिवहन विभाग में कम पंजीकृत हुए हैं। वहीं ईंधन के बढ़े हुए दाम चार पहिया वाहनों की चाहत पर असर नहीं डाल सके हैं। 2020 की तुलना में 2021 में चार पहिया वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। आलम यह था कि एजेंसियों पर चार पहिया वाहनों की उपलब्धता नहीं होने के साथ वेटिंग भी लंबी थी। चार पहिया वाहनों के कुछ माडल तो लोगों को आसानी से मिल भी नहीं रहे थे।
2020 की तुलना में 2021 में 27 हजार 277 चार पहिया अधिक पंजीकृत हुए हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लोग कार में अपने आपको ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कार में सफर करने पर कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम है। जो लोग वीडियोकोच या अन्य यात्री वाहनों में सफर करते थे, उन्होंने संक्रमण को देखते हुए यात्री वाहनों से दूरी बना ली है। इस वजह से चार पहिया का की बिक्री बढ़ी है।
इस बार ग्वालियर में आ सकती है गिरावट
चार पहिया वाहनों की बिक्री में पिछले दो साल से इंदौर व भोपाल के बाद ग्वालियर नंबर पर है। ग्वालियर व्यापार मेले में बिकने वाले वाहनों की वजह से ग्वालियर में आटो मोबाइल सेक्टर में बूम रहता है, लेकिन इस बार स्थिति विपरीत दिख रही है। कोविड के चलते मेला नहीं लग पा रहा है। रोड टैक्स में 50 फीसद की छूट मिलती थी, वह नहीं मिल रही है। मेले की वजह से जनवरी में बंपर बिक्री होती थी, लेकिन इस बार व्यापार सामान्य चल रहा है।
बिक्री के पीछे इन कारणों भी मान रहे
कोविड-19 के संक्रमण को देखथे हुए लाकडाउन व कफ्र्यू लगाए गए थे। इस दौरान यात्री वाहन बंद हो गए थे। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहनों की जरूरत पड़ी थी। इस कारण लोगों ने कार खरीदना पसंद किया। 200 से 300 किमी तक लोग कार से चलना पसंद कर रहे हैं।
इनका कहना है
चार पहिया वाहन की बिक्री बढऩे के पीछे कोविड-19 का संक्रमण भी दिख रहा है। वर्तमान का जो वातावरण है, उसमें कार से सफर करना ज्यादा सुरक्षित है। कहीं भी पार्किंग या सार्वजनिक स्थान पर वाहन खड़ा करते हैं तो दो पहिया की तुलना में कार ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है, इसलिए कार का पंजीयन बढ़ा है।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त परिवहन विभाग
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