खाद्य निरीक्षक को कलेक्टर ने इसलिए चटकाया, क्योंकि निरीक्षकों को जांच से रोक रहे थे
इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के स्पष्ट निर्देश हैं कि हर तरह के माफिया को नैस्तनाबूत किया जाए, जिसके चलते इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्ती दिखाते हुए ड्रग कारोबार में लिप्त लोगों के निर्माण तोडऩे के साथ ही गुंडों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई शुरू की और महू के बाद इंदौर में भी राशन माफिया को पकड़ा, लेकिन जिला आपूर्ति नियंत्रक आरसी मीणा राशन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उलटा सांठगांठ कर अपने निरीक्षकों को भी जांच से रोक रहे थे और राशन माफिया के खुद के बनाए ब्रांड की खाद्यान्न सामग्री कंट्रोल दुकानों पर बिकवा डाली, जिसके चलते कलेक्टर के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त ने नियंत्रक को निलंबित कर दिया।
संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने राशन माफियाओं से संलिप्तता पाये जाने तथा राशन की दुकानों में अनियमितताएं होने और शासकीय कार्यक्रमों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही तथा उदासीनता पाये पर इंदौर के प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रण आर.सी. मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि आर.सी. मीणा द्वारा शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाती है। पदस्थी दिनांक से ही उनका कार्य संतोषजनक नहीं रहा है। उनके द्वारा पिछले 02 माह में 06 उचित मूल्य की निलंबित दूकानें बिना विधिवत जांच किये बहाल की गई है। यह बहाली अपर कलेक्टर (खाद्य) जिला इंदौर एवं कलेक्टर जिला इंदौर के संज्ञान में लाये बगैर मीणा द्वारा की गई। मीणा की राशन माफियाओं के साथ संलिप्तता भी प्रतीत होती है। इस कृत्य के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई है। उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय आलीराजपुर निर्धारित किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। कलेक्टर के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज इंदौर के खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक आर सी मीणा को निलंबित कर दिया है। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया है कि निलंबित अधिकारी की राशन माफिय़ा से संलिप्तता पाई गई है। गत दिवस प्रशासन की टीम द्वारा 13 राशन दुकानों को सील करने की कार्यवाही की गई थी। यहाँ कार्यपालक मजिस्ट्रेट जाँच के लिए गए थे और यह कई विसंगतियां पाई गई।
6 दुकानों को बिना जांच कर दिया बहाल
पिछले दिनों प्रशासन ने 13 राशन दुकानों को सील किया था। मगर इननमें से 6 दुकानों को बिना जांच करवाए ही नियंत्रक मीणा ने बहाल कर दिया। राशन माफिया भरत दवे और प्रमोद दहीगुड़े से वे निरंतर सम्पर्क में भी रहे और उसके ब्रांड की कंट्रोल सामग्री जबरदस्ती बिकवाई जाती रही। छापे के दौरान बेसन, चायपत्ती, डिटर्जेंट केक सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री भी पैकिंग में जब्त की गई, जिसके चलते माणिक बाग स्थित अपनी दुकान ब्रांड के संस्थान में छापा डाला गया और संचालक के खिलाफ धारा 420, 272, 273 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई। गंदे वातावरण में खाद्य सामग्री की पैकिंग भी यहां पर कराई जाती मिली।
कलेक्टर बोले – राशन माफिया के अवैध निर्माण भी टूटेंगे
कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि किसी भी तरह के माफियाओं के साथ अधिकारियों या कर्मचारियों की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और राशन माफियाओं के अवैध निर्माणों को भी तोड़ेंगे। उन्होंने इस संबंध में राशन माफिया भरत दवे और अन्य के निर्माणों की जांच करने के निर्देश नगर निगम अधिकारियों को दिए हैं। जिस तरह पूर्व में गुंडों और ड्रग माफिया के निर्माणों को जमींदोज किया गया, उसी तरह अब राशन माफिया के निर्माणों को भी तोड़ेंगे। कलेक्टर का कहना है कि निलंबित किए गए नियंत्रक मीणा द्वारा राशन माफिया के साथ जो बातचीत की गई उसकी रिकार्डिंग की भी जांच की जा रही है और इसमें अगर अन्य अधिकारी-कर्मचारी लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ भी इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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