मुंबई। कोरोना वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने को लेकर सरकार काफी कोशिशें कर रही है और इस कोशिश का असर भी अब दिखने लगा है. तो वहीं कॉर्पोरेट में भी टीकाकरण बढ़ाने को लेकर कई तरह के प्रयास किए जा रहे है. इसी पहल के तहत अब कंपनियां कई तरह के ऐलान कर रही हैं. दरअसल कंपनियां चाह रही है कि उनके कर्मचारियों को टीका जल्द से जल्द लग सकें ताकि वो अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाकर काम करा सकें.
इसी कड़ी में अब कंपनियों ने वैक्सीनेशन न लगवाने वाले कर्मचारियों की सैलरी इनक्रीमेंट को लेकर भी कुछ घोषणाएं की है. देश की सबसे पुरानी लॉ कंपनी खेतान एंड कंपनी ने कुछ अलग तरह की ही घोषणा की है. टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के साफ कर दिया है कि जो कर्मचारी वैक्सीन नहीं लगवाएगा उसे इन्क्रीमेंट नहीं दिया जाएगा. दरअसल कंपनी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी वैक्सीन समय पर लगवा लें.
कंपनियां काट रही है सैलरी : इन्क्रीमेंट रोकने के अलावा कुछ कंपनियां वैक्सीन न लगवाने वाले कर्मचारियों का वेतन भी काट कर रही है. एक फाइनेंशियल सेवा देने वाली कंपनी ने अपने कर्मारियों से साफ कर दिया है कि अगर वो वैक्सीन नहीं लगवाते तो सैलरी का 5 फीसदी हिस्सा काटकर दिया जाएगा. हालांकि वैक्सीन लगवा लेने के बाद कटा हुआ पैसा वापस कर दिया जाएगा.
क्यों उठा रहे ऐसा कदम : दरअसल कंपनियां चाह रही है कि उनके कंपनी में हर कर्मचारी जल्दी से जल्दी वैक्सीनेटेड हो जाएं ताकि जब ऑफिस खुल जाए तो कोई खतरा ना रहे और कंपनियों को उसे फिर से बंद करने की नौबत ना आए. इंडस्ट्री के जानकरों की माने तो देश की बहुत सारी कंपनियां अगले 3-4 महीनों में ऑफिस खोलना चाहती हैं. इसलिए उन्हें कुछ सख्त फैसले भी लेने पड़ रहे हैं.
वैक्सीनेशन ही बचाव है : कोरोना के दूसरे लहर में काफी लोगों की मौत हुई जिसके बाद वैक्सीन ही एक सहारा बचा है. ऐसे में उद्योग जगत कोशिश कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियों में वैक्सीनेशन जल्द से जल्द पूरा हो सके. ताकि आर्थिक गतिविधियां तेज हो सके और किसी को कोई खतरा न हो. इसलिए अगर आप भी ये सोच रहे हैं कि घर से ही तो काम कर रहा हूं मुझे वैक्सीनेशन की क्या जरुरत है तो सावधान हो जाए. ऐसा न हो कि आप भी अपने इन्क्रीमेंट से हाथ धो बैठे.
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