इन्दौर। कोरोना काल (Corona Period) में अपनी जान जोखिम में डालकर शहर में सफाई करने वाले सफाईकर्मियों (Santation Workers) को पुरस्कार(Award) देने के बजाय उनके वेतन में कटौती (Salary Cut) की जा रही है। एक-एक सफाईकर्मी के वेतन (Sanitation Workers Salay) में 500 से एक हजार रुपए तक की कटौती की जा रही है। सफाईकर्मियों (Sanitation Workers) को भी नहीं मालूम कि ये कटौती किसलिए की जा रही है।
शहर में निगम में कार्यरत सफाईकर्मियों (Sanitation Workers) का वेतन सीधे बैंक खाते में आता है। पिछले कई महीनों से सफाईकर्मियों (Sanitation Workers) के वेतन में कटौती (Salary Cut) की जा रही है। इसको लेकर सफाईकर्मियों (Sanitation Workers) ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस (All India Safai Mazdoor Congress) में शिकायत की है कि उनके वेतन में 500 से लेकर एक हजार रुपए तक की कटौती की जा रही है। प्रदेश प्रवक्ता शिव घावरी का कहना है कि चार बार इंदौर को सफाई में अव्वल लाने वाले सफाईकर्मियों को नगर निगम द्वारा पुरस्कार देना चाहिए, लेकिन इनके वेतन में कटौती की जा रही है। कोरोना काल (Corona Period) में भी इन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। इंदौर नगर निगम (Indore Nagar Nigam) द्वारा अस्थायी कर्मचारियों को साढ़े 6 हजार से लेकर 12 हजार रुपए तक वेतन दिया जाता है, वहीं नियमित कर्मचारियों का वेतन 25 हजार रुपए तक है। सफाईकर्मी पूछते भी हैं कि कटौती किस मद में की जा रही है तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता। घावरी ने कहा कि इस संबंध में निगमायुक्त प्रतिभा पाल (IMC Commissioner Pratibha Pal) से भी कई बार अभा सफाई मजदूर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बात करना चाही, लेकिन वे फोन नहीं उठाती हैं।
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